बाराबंकी (लखनऊ) से आई मध्य कमान सेना की यूनिट ने पतरामपुर चौकी परिसर में वर्ष 2014 से दबी 555 मिसाइलों को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इन मिसाइलों को हजीरों गांव के फीका नदी क्षेत्र में नष्ट किया जाना है। सेना की टीम को परिवहन सहायता एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जिला पुलिस का बम निरोधक दस्ता और अन्य कर्मी तैनात किए गए है।
काशीपुर की एसजी स्टील फैक्ट्री में ईरान से आयात स्क्रैप में बड़ी तादात में मिसाइलें भी आ गई थीं। 21 दिसंबर 2014 को फैक्ट्री में स्क्रैप गलाते समय जबरदस्त विस्फोट से मिसाइल फटने से एक श्रमिक की मौत हो गई थी, जबकि कई मजदूर घायल हो गए थे।
हजीरों गांव में फीका नदी क्षेत्र में नष्ट किया जाएगा
मौके पर मिली 555 मिसाइलों को प्रशासन ने एहतियातन पतरामपुर चौकी परिसर में दफन कर दिया था। शासन के पत्र के संदर्भ में बृहस्पतिवार को सेना के मध्य कमान से कैप्टन विकास मलिक के नेतृत्व में टीम पतरामपुर पहुंची।
टीम ने खुदाई स्थल की नाकेबंदी के लिए एक प्लाटून पीएसी तैनात की थी। यहां से मिसाइलें निकालकर हजीरों गांव में फीका नदी क्षेत्र में नष्ट किया जाएगा।
इस कार्य के लिए जिला पुलिस एवं प्रशासन की ओर से परिवहन सहायता के अलावा मिट्टी के बैग, तार और अन्य जरूरी सामग्री उपलब्ध कराई गई। दमकल की टीम को भी वहां तैनात किया गया है।
सेना की टीम में ये हैं शामिल
मिसाइलों को नष्ट करने की प्रक्रिया अगले एक सप्ताह तक चलेगी। इस दौरान वहां एएसपी डॉ. जगदीश चंद्र, एसडीएम दयानंद सरस्वती, कोतवाल अबुल कलाम, तहसीलदार जोगा सिंह आदि थे।
कैप्टन विकास मलिक, नायब सूबेदार केबी भोसले, एचसी सेंडगे एआर, व बीजी पाटिल, लांसनायक केलरे दीपक, सेपर पंकज साल्वी, कैलाश व संजीत कुमार, हवलदार रणपिसे डीडी और नायक महेंद्र सिंह।