लखनऊ: प्रदेश में जनसंख्या स्थिरीकरण व नियंत्रण के उद्देश्य से नसबन्दी आपरेशनों को सुरक्षित, सरल व आसान बनाया जा रहा है। जिससे आपरेशन कराने वालों को परेशानी न हो और वे पूर्व की आपरेशन की जटिलताओं से परेशान न हों तथा आपरेशन कराने के लिए आगे आएं।
इसलिए समस्त राजकीय चिकित्सालयों में नसबन्दी आपरेशन कराने हेतु चिकित्सकों एवं चिकित्सालयों में नसबन्दी आपरेशन कराने हेतु चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे लोग अपने परिवार को छोटा रखने के लिए नसबन्दी आपरेशन कराने के लिए आगे आयें।
यह बात प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री अरविन्द कुमार ने आज यहां कही। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने फैमिली प्लानिंग इन्डेमनिटी स्कीम के तहत नसबन्दी उपरान्त जटिलता, मृत्यु या असफलता के केसों में मुआवजा राशि देने का प्राविधान किया है। इसके अन्तर्गत यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु आपरेशन कराने, आपरेशन उपरान्त या आपरेशन की तिथि से 7 दिनों के अन्दर हो जाती है तो उसे दो लाख रुपये की धनराशि मुआवजे के तौर पर दी जायेगी। इसके अतिरिक्त यदि आपरेशन के उपरान्त अस्पताल से डिस्चार्ज की तिथि से 8 से 30 दिन की अवधि के दौरान मृत्यु होती है तो उसे 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जायेगा। यदि नसबन्दी का आपरेशन असफल रहता है तो तीस हजार रुपये की धनराशि मुआवजे के रूप में दी जायेगी।
यदि आपरेशन कराने के 60 दिनों के अन्दर कोई परेशानी होती है और उसका इलाज कराना पड़ता है तो वास्तविक खर्च जो 25 हजार रुपये से अधिक न हो, की मुआवजा राशि दी जायेगी।
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