यह बैठक प्रदेश में मानव तस्करी को रोकने के संबंध में किये गये प्रयास एवं भावी रणनीति बनाये जाने के संबंध में विस्तृत विचार विमर्श हेतु आयोजित की गयी थी। बैठक में गृह सचिव श्री कमल सक्सेना, विशेष सचिव गृह श्री मिनिस्ती एस. अपर पुलिस महानिदेशक मानवाधिकार एवं महिला कल्याण प्रकोष्ठ श्रीमती सुतापा सान्याल, एसएसबी के आई0जी0 व डीआईजी के अलावा यूनिसेफ एवं शक्ति वाहिनी एनजीओ के प्रतिनिधियों आदि ने भाग लिया।
बैठक में बताया गया कि नेपाल में आये भूकम्प के परिणाम स्वरूप नेपाल से सटे प्रदेश के तटीय जनपदों में आने वाले अवयस्क बालक, बालिकाओं एवं महिलाओ पर सतर्क दृृष्टि रखे जाने के निर्देश दिये गये थे ताकि सीमावर्ती जनपदो में मानव तस्करी पर कड़ी नजर रखी जा सके।
पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना के तहत 2 करोड़ रूपये की धनराशि शासन द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को दी गयी है ताकि मानव तस्करी के शिकार व्यक्तियों को नियमानुसार 2 लाख रूपये की क्षतिपूर्ति प्रदान की जा सके। शासन द्वारा पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों से इस दिशा में बेहतर समन्वय बनाकर मानव तस्करी रोकने की दिशा में सार्थक प्रयास किये जाने के निर्देश दिये गये है। घरेलू काम हेतु व्यक्तियों को उपलब्ध कराने वाली प्लेसमंेट एजेंसियों पर भी कड़ी नजर रखने के निर्देश दिये गये है ताकि मानव तस्करी की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण रखा जा सके।
प्रमुख सचिव गृह ने यह भी निर्देश दिये है कि मानव तस्करी की घटनाआंे को रोकने हेतु मानव तस्करी विरोधी यूनिट्स को जरूरी प्रशिक्षण देने के विशेष प्रयास किये जाये। इस कार्य के लिये यूनिसेफ के सहयोग से शक्ति वाहिनी एनजीओ की सहायता भी लिये जाने के लिए कहा गया है।