देहरादून: मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत ने परेड ग्राउन्ड देहरादून में राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग तथा हंस फाउण्डेशन के सहयोग से विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर आयोजित ‘‘उत्तराखण्ड दिव्यांग उत्सव -2016’’ में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने आयोजन स्थल में समाज कल्याण विभाग तथा दिव्यांगों के कल्याण से सम्बन्धित अन्य सभी विभागों व हितधारकों द्वारा लगाये गए बहुउद्येशीय शिविरों व सेवा केन्द्रों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर प्रतिभाशाली तथा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दिव्यांग प्रतिभागियों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।
अपने सम्बोधन में राज्य के मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड दिव्यांग उत्सव-2016 में उत्साहपूर्ण भागीदारी के लिए सभी प्रतिभागियों, सम्बन्धित विभागों, अधिकारियों, स्वयं सेवी संस्थाओं, स्वयं सहायता समूहों, गैर सरकारी संगठनों एवं बड़ी संख्या में उपस्थित दिव्यांगों को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि विश्व दिव्यांग दिवस पर हम सबको मिलजुल कर एक सामूहिकता की भावना पैदा करके दिव्यांगों की प्राकृतिक बाधाओं को पार करने में सहायता करनी होगी। इस उद्येश्य हेतु सम्पूर्ण समाज एवं सरकारों को भी सकंल्प लेना होगा। सरकार व इसमें काम करने वाले लोगों को दिव्यांगों के कल्याण व विकास हेतु विशेषरूप से प्रतिबद्ध होना होगा। श्री रावत ने बताया कि इस वर्ष राज्य दिव्यांग आयोग का गठन कर दिया गया है। राज्य दिव्यांग आयोग अगले वर्ष जनवरी से कार्य करना आरम्भ कर देगा। उक्त आयोग गठन के माध्यम से एक संस्था का निर्माण कर दिया गया है जो दिव्यांगों के हितों के प्रति समर्पित होगी तथा दिव्यांगों के कल्याण व विकास हेतु नीति निर्माण में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से राज्य सरकार द्वारा समाज के कमजोर वर्गो पर एक निश्चित धनराशि व्यय की जाती है उसी प्रकार दिव्यांगों के कल्याण हेतु राज्य की आय का एक भाग सुनिश्चित कर दिया जाएगा। दिव्यांगों हेतु नीति निमार्ण व क्रियान्वयन में दिव्यांगों को साथ लेकर चलने का प्रयास करना होगा। राज्य सरकार द्वारा इस सन्दर्भ में दिव्यांग जनो तथा सम्बन्धित हितधारकों के साथ खुला संवाद स्थापित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि अभी तक दिव्यांगों के विकास व हितों के लिए मात्र कल्याण व करूणा की भावना के साथ कार्य किया जा रहा है जबकि हमें दिव्यांगों के विकास हेतु राष्ट्रीय कर्तव्य या नागरिक कर्तव्य मानकर कार्य करना होगा। एक आदर्श नागरिक के रूप में हमें दिव्यांगों की सहायता करना हमें अपना कर्तव्य समझना चाहिए न कि दया या पुण्य कार्य। श्री रावत ने इस सन्दर्भ में नई सामाजिक अवधारणा विकसित करने पर बल दिया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में सीमित संसाधन होने के बाद भी राज्य सरकार द्वारा नवजात विकंलाग बच्चो को भरण पोषण हेतु भत्ते प्रदान किए जा रहे है। राज्य में प्रेंग्नेंसी ट्रेकिंग सिस्टम विकसित किया गया है जिसके अर्न्तगत गर्भ में ही विकंलाग बच्चों स्थिती का पता चल सकता है। उन्होंने कहा कि यह अत्यन्त प्रसन्नता की बात है कि दिव्यांग उत्सव अपने आम में एक अभिनव प्रयास है। मुख्यमंत्री ने मौके पर ही निर्देश दिए कि आने वाले गणतंत्र दिवस में या इससे पूर्व आयोजन में दिव्यांगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा इस उद्येश्य हेतु दिव्यांगों को देहरादून के परेड ग्राउण्ड में सभी आवश्यक सुविधाए व सहयोग राज्य सरकार की ओर से निःशुल्क प्रदान किया जाएगा। श्री रावत ने कहा कि दिव्यांग उत्सव को राज्य उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर दिव्यांगों द्वारा गाए गए राष्ट्रगान की प्रशंसा की गई
इस अवसर पर विधायक व संसदीय सचिव राजकुमार, सचिव भूपिन्दर कौर औलख, जिलाधिकारी रविनाथ रामन एवं द हंस फाउण्डेशन के पदाधिकारी उपस्थित थे।