लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि इस वर्ष 02 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती है, जिसका देशभर में वृहद स्तर पर आयोजन किया जाएगा। प्रदेश सरकार भी उत्तर प्रदेश में गांधी जी की 150वीं जयन्ती पूरी भव्यता से मनाएगी, ऐसे में इसकी कार्ययोजना अभी से तैयार कर ली जाए। उन्होंने कहा कि गांधी जयन्ती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों की थीम ‘स्वदेशी, स्वच्छता, स्वरोजगार तथा स्वावलम्बन’ पर केन्द्रित की जाए। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम राज्य, मण्डल तथा जनपद स्तर पर आयोजित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां लोक भवन में खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के प्रस्तुतिकरण के अवलोकन के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि गांधी जयन्ती के अवसर पर वर्ष पर्यन्त चलने वाले आयोजनों को इस तरह से प्रस्तुत किया जाए, जिससे लोगों में स्वदेशी और स्वावलम्बन की भावना जाग्रत हो और वे स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित हों। उन्होंने खादी में आधुनिक तकनीक के प्रयोग पर बल देते हुए कहा कि इससे अच्छे उत्पाद बनाने में मदद मिलेगी और लोग उन्हें हाथोंहाथ लेंगे। उन्होंने कहा कि हर जनपद के अपने विशिष्ट खादी ग्रामोद्योग के उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए और इन्हें कार्यक्रमों के दौरान विशिष्ट अतिथियों को भेंट किया जाए, जिससे इनकी लोकप्रियता बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के स्वयं के 08 विभागीय कम्बल कारखाने मौजूद हैं, जो वर्तमान में बंद पड़े हैं। उन्होंने इन सभी कम्बल कारखानों को पुनर्जीवित करते हुए इन्हें प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्मित कम्बलों पर गांधी जयन्ती के अवसर पर ‘गांधी 150’ का लोगो बनाकर लगाया जाए। साथ ही, यहां निर्मित कम्बलों को गरीबों में वितरण हेतु तथा स्कूलों, छात्रावासों, अस्पतालों और बंदीग्रहों में सप्लाई किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ठण्ड के मौसम में राज्य सरकार को 08-10 लाख कम्बलों की आवश्यकता गरीबों इत्यादि में वितरण हेतु पड़ती है। इन कम्बलों की आपूर्ति इन 08 कम्बल कारखानों से करना सुनिश्चित किया जाए। कम्बल कारखानों में बनने वाले सभी कम्बल राज्य सरकार खरीदेगी। उन्होंने सप्लाई के अनुसार कम्बलों के रंग निर्धारित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों, छात्रावासों, अस्पतालों और बंदीग्रहों में सप्लाई किए जाने वाले कम्बलों के रंग अलग-अलग होने चाहिए। इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर कम्बल कारखानों की क्षमता का विस्तार किया जाए। उन्होंने कम्बलों के निर्माण में प्रदेश के भेड़पालकों से ऊन लेने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गांधी जी ग्रामोद्योग के समर्थक थे। ऐसे में ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए ग्रामोद्योग की सभी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
खादी में सोलर चरखों के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 02 अक्टूबर को एक विस्तृत कार्यक्रम ‘ईवेन्ट’ के रूप में आयोजित कर उसमें 1,000 लोगों को सोलर चरखे मुहैया कराए जाएं ताकि 1,000 परिवारों को रोजगार से जोड़ा जा सके। उन्होंने खादी को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से इसे एक ब्राण्ड के रूप में स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए खादी उत्पादों की गुणवत्ता और उसके मूल्य पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि वे बाजार की प्रतिस्पर्धा में बने रहें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खादी ग्रामोद्योग में स्वरोजगार की अनेक सम्भावनाएं मौजूद हैं, जिन्हें खादी विभाग को चिन्हांकित कर बढ़ावा देना होगा। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित हो सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 1.74 करोड़ छात्रों को हर वर्ष 02 बार स्कूल यूनीफाॅर्म उपलब्ध करानी होती है। अगर खादी विभाग इसकी आपूर्ति कर सके तो विभाग का कायाकल्प तो होगा ही, साथ ही स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री जी ने खादी विभाग के तहत गठित उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड का जिक्र करते हुए कहा कि कुम्हारों को गांव के तालाब की मिट्टी निःशुल्क दी जाए, ताकि उन्हें प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कुम्हारों को 05 दिवसीय प्रशिक्षण देने के उपरान्त उन्हें प्रमाण-पत्र मुहैया कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसी सर्टिफिकेट के आधार पर कुम्हारों को गांव के तालाब का पट्टा दिया जाना चाहिए। इससे गांवों के तालाबों में जल संचय की व्यवस्था भी बेहतर हो सकेगी। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगने से मिट्टी के बर्तनों को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने माटी कला बोर्ड में तकनीकी के उपयोग पर बल दिया। उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में मिट्टी के कुल्हड़ों के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन्हें कलात्मक बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही, इन्हें छोटे-बड़े आकार में बनाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने विभिन्न अवसरों पर विशिष्ट व्यक्तियों को भेंट किए जाने के लिए अंग वस्त्र डिजाइन करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने यूपिका और यू0पी0 हैण्डलूम की बंद पड़ी सम्पत्तियों को खादी विभाग द्वारा अपने स्तर पर उपयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने गांधी जयन्ती के अवसर पर खादी प्लाज़ा की स्थापना के निर्देश दिए। उन्होंने टेक्सटाइल पाॅलिसी को बेहतर बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि ग्रामीण महिलाओं को इससे जोड़ते हुए उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाए। उन्होंने गोरखपुर के खजनी स्थित खादी उत्पादन केन्द्र के सुदृढ़ीकरण के भी निर्देश दिए।
प्रस्तुतिकरण देते हुए खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के प्रमुख सचिव श्री नवनीत सहगल ने मुख्यमंत्री जी को उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के उद्देश्यों से अवगत कराया। उन्होंने खादी एवं ग्रामोद्योग विकास विषयक रणनीति, पं0 दीन दयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना, विपणन, ब्राण्ड विकास, गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला, प्रदर्शनी, खादी प्लाजा, खादी पार्क, खादी शोध, डिजाइन एवं प्रशिक्षण केन्द्र, विभागीय खादी उत्पादन केन्द्र, वित्तीय वर्ष 2019-20 हेतु कार्ययोजना एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु लक्ष्य के विषय में मुख्यमंत्री जी को विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने ग्रामोद्योगों के विकास, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना इत्यादि के विषय में भी मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया।
मुख्यमंत्री जी को प्रमुख सचिव ने अवगत कराया कि पं0 दीन दयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना के तहत विभागीय पोर्टल पर 426 संस्थाओं ने अपना पंजीकरण करवाया है। पहली बार प्रदेश की खादी संस्थाओं में कार्यरत 86,814 कत्तिन/बुनकरों के बैंकों में खाते खुलवाकर आधार से लिंक कराया गया है, ताकि अनुदान की राशि उनके खाते में सीधे भेजी (डी0बी0टी0) जा सके। मुख्यमंत्री जी ने इस व्यवस्था के तहत लाभार्थियों को अंतरित की जाने वाली राशि को एक ईवेन्ट के रूप में आयोजित करने के निर्देश दिए और कहा कि धनराशि का अंतरण किसी मंत्री के हाथों से क्लिक करवाकर किया जाए।