नई दिल्ली: लिटरेरी, सोशल एंड कल्चरल सोसाइटी “मीज़ान” ने इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के साथ मिल कर देश के विकास में अपनी भागीदारी दे रहे लोगों के लिए एक सम्मान समारोह और मुशायरा का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के सभागार में किया गया। भारत के पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और कल्कि फाउंडेशन के फाउंडर आचार्य प्रमोद कृष्णम बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे।
जो भी छात्र-छात्राएं नियमित रूप से शिक्षा हासिल नहीं कर पाते उनके लिए ओपन स्कूल के रूप में एक बेहतर विकल्प उपलब्ध कराने वाले ग्रामीण मुक्त विद्यालयी शिक्षा संसथान के चेयरमैन डॉ. शबाब आलम को फरोगे तालीम अवार्ड से सम्मानित किया गया। साथ ही डॉ. महमूद रहमानी, हाजी कमरुद्दीन और पुश्किन अघा को भी इस कार्यक्रम में अवार्ड से नवाज़ा गया। इस मौके पर डॉ. शबाब आलम ने कहा कि आज के दौर में तरक्की का अहम जरिया है तालीम यानी शिक्षा। आप के पास यदि तालीम की चाबी है तो तरक्की का दरवाजा आपके लिए हमेशा खुला है। इसलिए तालीम की अहमियत को समझें, दुनिया के साथ कदम ताल मिलाएं, तभी आप हर क्षेत्र में तरक्की पा सकते हैं।
कार्यक्रम में शफीक आब्दी, अल्ताफ ज़िया, शरीफ भारती, वासिम राजुपुरी, मकबूल ज़फर आदि जैसे देश भर के मशहूर कवियों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इसके आलावा मीज़ान के फाउंडर सेक्रेटरी जनरल डॉ. माजिद देवबंदी, डॉ. महमूद रहमानी, नौशाद हैदरी, स्वामी वैराग्यानंद महाराज आदि शामिल रहे।