नई दिल्ली: बीते समय साम्प्रदायिक हिंसा का शिकार हुए 15 से 22 वर्ष आयु वर्ग के 42 युवाओं के लिए राष्ट्रीय नेशनल फाउंडेशन फॉर कम्यूनल हार्मोनी – एनएफसीएच की ओर से ‘नो माई इंडिया कार्यक्रम’ के तहत कल से बेंगलूरु में विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला में जम्मू कश्मीर,मणिपुर,असम,छत्तीसगढ़,बिहार और गुजरात जैसे छह राज्यों के युवा अपने आधिकरिक मेंटरों के साथ हिस्सा लेंगे।
यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लीविंग फॉंउंडेशन के सहयोग से आयोजित किया गया है। पांच दिवसीय कार्यशाला के दौरान युवा गुरूदेव श्री श्री रविशंकर के साथ संवाद करेंगे।
कार्यशाला का उद्देश्य इसमें भाग लेने वाले युवाओं को हिंसा के कारण उपजे संघातिक तनाव से निबटने में मदद करने के साथ ही उन्हें अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने और बुरे अनुभवों से निजात पाने में मदद करना है। इस दौरान उन्हें तनाव से मुक्त असीम शांति का अनुभव कराया जाएगा और साथ ही उनमें विश्व के प्रति एक व्यापक और समग्र दृष्टिकोण विकसित करने का प्रयास भी किया जाएगा। कार्यशाला में प्रतिभागियों को विभिन्न मनोरंजन कार्यक्रमों के जरिए परस्पर संपर्क और संवाद की कला भी सिखायी जाएगी। इसमें सशक्त श्वसन क्रिया, सुदर्शन पर विशेष जोर रहेगा। ऐसा माना जाता है कि इसके नियमित अभ्यास से तनाव पैदा करने वाले हार्मोन में काफी कमी आती है। दिमाग स्वस्थ होता है और शांति महसूस होती है।
एनएनएफसीएच की ओर शुरु किया गया नो माई इंडिया कार्यक्रम अपने आप में एक अनूठा कार्यक्रम है। इसके जरिए विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के आर्थिक मदद पाने वाले बच्चों के बीच एकजुटता ,सौहार्द और राष्ट्रीय एकता की भावना को प्रोत्साहित करना है।
कार्यक्रम का उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोगों के बीच एक सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाना है जिसमें वह एक दूसरे की सामाजिक रीति रिवाजों और पारिवारिक जीवन शैली के बारे में जान सकें तथा उनमें देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासतों की अच्छी समझा विकसित हो सके।
एनएफसीएच गृहमंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में गठित एक स्वतंत्र निकाय है। इसका मुख्य उद्देश्य आतंकवाद, साम्प्रदायिक और जातीय हिंसा का शिकार हुए बच्चों और युवाओं को आर्थिक मदद प्रदान कर उनका पुनर्वास करने के साथ ही उन्हें बीती घटनाओं के बुरे अनुभवों से मानसिक तौर पर निजात दिलाना है। इसके लिए नएएफसीएच समय समय पर स्वतंत्र रूप से और कई बार शिक्षण संस्थाओं के जरिए विभिन्न कार्यक्रमों का आायोजन कर साम्पद्रायिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता की भावना को प्रोत्साहित करने का काम करता है।