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मौलिक भारत ने प्रस्तुत की उत्तर प्रदेश के समग्र विकास की संकल्पना व कार्ययोजना

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रेस क्लब ,लखनऊ में आयोजित एक प्रेस वार्ता में मौलिक भारत के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व सचिव भारत सरकार डॉ कमल टावरी, संस्था के महासचिव अनुज अग्रवाल, नीम फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ डी के सिंह आदि ने उत्तर प्रदेश के समग्र विकास की नई संकल्पना व कार्ययोजना प्रस्तुत की। व्यापक जन सहभगिता से ग्रामीण व कृषि पर केंद्रित विकास जिसमे प्रदेश के हर व्यक्ति की सहभागिता व भागीदारी के माध्यम से प्रकृति से संतुलन बना हर समस्या के व्यवहारिक समाधान की रुपरेखा मीडिया के सामने रखी। संस्था के महासचिव अनुज अग्रवाल ने बताया कि अगले कुछ महीनों में प्रदेश की हर कमिश्नरी में एक बड़ा आयोजन कर कृषि व ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अभिनव व सफल  प्रयोग करने वाले लोगो को जोड़ा जाएगा व क्षेत्रवार विकास की समग्र कार्ययोजना बना सरकार,शिक्षण संस्थानों व जनभागिता के सामंजस्य से किर्यान्वयित किया जाएगा। यह कार्ययोजना निम्न संकल्पना पर आधारित होगी।

हमारे सपनों का उत्तर प्रदेश – संकल्पना

1. एक ऐसा प्रदेश जिसमें धार्मिक सदभाव हो, एक दूसरे की संस्कृति व धर्म- सम्प्रदाय का सम्मान हो। जातीय हिंसा व भेदभाव न हो व सबको आगे बढ़ने के समान अवसर हो।
2. एक ऐसा प्रदेश जिसमे भारतीयता, वैदिक संस्कृति, आध्यत्म, योग व आयुर्वेद का बोलबाला हो। गौ-ग्राम-गंगा का संरक्षण व संवर्धन हो। सभी धर्म व संप्रदायों में आपसी संवाद व समन्वय हो। पूरा प्रदेश पुनः ज्ञान व आध्यत्म परंपरा का प्रदेश बन जाए।
3. ऐसा प्रदेश जहाँ लोकतंत्र अपने वास्तविक अर्थों में परिलक्षित हो। सभी राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र हो, परिवारवाद, भाई भतीजावाद व जाति धर्म से परे आम जन के हित मे परस्पर संवाद से, पारदर्शी वातावरण में निर्णय लिए जाएं। कोई भी उम्मीदवार हाईकमान से थोपा न जाए वरन उसका चयन कार्यकर्ताओं द्वारा मतदान के माध्यम से किया जाए।
4. प्रदेश में सम्पूर्ण चुनाव सुधार लागू हो, लोकसभा, विधानसभा व पंचायत चूनाव एक साथ हो। मतदाता सूची को आधार कार्ड से जोड़ा जाए व प्रत्याशियों की घोषणा चुनाव से 6 माह पूर्व हो जाए। किसी भी तरह के अपराध के आरोपी का चुनाव में लड़ना प्रतिबंधित हो। चुनाव सरकारी खर्च पर हो।
5. पूरे प्रदेश का 10 से 12 उपराज्यो में प्रशासनिक दृष्टि से विभाजन हो। न्यायिक, पुलिस व प्रशासनिक सुधार लागू हो। सभी सरकारी कर्मियों के चयन की प्रक्रिया पारदर्शी हो व कार्य निष्पादन पर आधारित हो। सभी सरकारी कर्मियों की धन सपत्ति की 6 माह में जांच हो और भ्रष्ट व अयोग्य कर्मियों की बर्खास्ती हो व उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही हो। प्रदेश सरकार की पारदर्शी ट्रांसफर नीति हो। सरकार हर आपदा में जनता के साथ 24 ×7 खड़ी नज़र आए व जनता के सभी काम निश्चित समय सीमा में किसी भी प्रकार की रिश्वत दिए बिना दिए पूरे हो सके।
6. पूरे प्रदेश से आरक्षण व्यवस्था समूल रूप से खत्म हो व शोषित, पीड़ित, वंचित व कमजोर,आर्थिक, सामाजिक व शारीरिक रूप से कमजोर लोगो, वृद्ध, बच्चो व बेसहारा स्त्रियों के लिए बिशेष आवासीय विद्यालय व कुटीर उद्योग निर्मित हो। शिक्षा, स्वास्थ्य व न्याय व्यवस्था का बाजारीकरण बंद होकर इनका भारतीयकरण हो।
7. पूरे प्रदेश में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रो में कोई भी निर्माण बिना सरकारी मंजूरी के न हो व इसके लिए एक से नियम व मापदंड हो। सभी अवैध निर्माण गिराए जाए व सीवर, बिजली, पानी, सड़क, पार्क, स्कूल, अस्पताल, सामुदायिक भवन, बाजार व सीवेज व सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट के कोई कॉलोनी स्वीकृत न हो। पुलिस, ट्रैफिक, बैंक, डाकघर, कम्युनिटी सेवाएं जनसंख्या के अनुपात में उपलब्ध हो।
8. पूरे प्रदेश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था व कृषि को केंद्र में रख विकास की योजनाएं बनें। कृषि व ग्रामीण अर्थव्यवस्था आधारित, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों को बढ़ाने पर जोर हो। ग्रामीण  व कृषि अर्थव्यवस्था पर आधारित उच्च शिक्षा संस्थानों, प्रशिक्षण , सहकारी बैंकिंग,सहकारी संस्थाओं,विपणन, संस्करण व मंडियों  की श्रृंखला का विकास हो।
9. पूरे प्रदेश में उद्योग व व्यापार के संवर्धन,संरक्षण व विकास के लिए विश्व स्तरीय ढांचा हो। रिसर्च, इन्नोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप, सिंगल विंडो क्लेरेंस, संतुलित कर, लालफीताशाही व इंस्पेक्टर राज से मुक्त सकारात्मक माहौल हो।
10. महिलाओ, बुजुर्गों, बच्चो व असक्तो का सम्मान, गरिमा ,भागीदारी व उनको हर स्तर व क्षेत्र में प्राथमिकता सरकार व समाज का लक्ष्य हो।

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