नई दिल्लीः कौशल विकास तथा उद्यमिता तथा पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है, विशेषकर उद्योगों को कुशल मानव शक्ति आपूर्ति करने के मामले में। उन्होंने कहा कि हमने व्यापक रूप से अपने संस्थानों को आधुनिक बनाने पर बल दिया है। हमारा यह प्रयास है कि 2018 के अंत तक देश के प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम एक आईटीआई स्थापित हो सके।
राज्य प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि व्यावसायिक प्रशिक्षण समवर्ती सूची का विषय है और इसलिए यह आवश्यक है कि केन्द्र और राज्य की सरकारें कौशल विकास तथा कौशल विकास में खाई की पहचान सुनिश्चित करें, ताकि मात्रा, गुणवत्ता, पहुंच तथा सक्रियता के उद्देश्य हासिल किए जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र (पीएमकेके), प्रायर लर्निंग को मान्यता (आरपीएल) तथा राष्ट्रीय एप्रेंटिसशिप प्रोत्साहन योजना (एनएपीएस) जैसे केन्द्रीय कार्यक्रमों के माध्यम से किए जा रहे सुधारों से जुड़ें। राज्य स्तर पर कौशल विकास के लिए संस्थागत व्यवस्था तथा मजबूत ढांचा बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री धर्मेन्द्र प्रधान और कौशल विकास राज्य मंत्री श्री अनंत कुमार हेगड़े ने नई दिल्ली में राज्यों के कौशल विकास मंत्रियों के सम्मेलन में अनेक कार्यक्रमों की शुरूआत की।
सम्मेलन में आईटीआई के लिए नये पाठ्यक्रम लांच किए गए, ताकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल रियलिटी, रोबोटिक प्रोसेस, ऑटोमेशन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक्स, बिग डाटा एनालिटिक्स, थ्री डी प्रिंटिंग जैसे कौशल के क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जा सके। आने वाले दिनों में ऐसे क्षेत्रों में वैश्विक रूप से मांग अधिक होगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए आईटीआई प्रशिक्षुओं और प्रशिक्षकों को कौशल विकास और सतत् ज्ञान में सक्षम बनाने के लिए प्रशिक्षण महानिदेशक तथा नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर सर्विसेज कंपनीज़ (नासकॉम) के बीच समझौता ज्ञापन पर आज हस्ताक्षर किए गए।
सम्मेलन में आईटीआई को अंगीभूत बनाने के नये तौर-तरीकों को लांच किया गया। इसमें आईटीआई को अंगीभूत करने की प्रक्रिया में राज्य सरकार की प्रधानता बहाल की गई है।