श्री पीयूष गोयल ने आज वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के लिए अमृत महोत्सव सप्ताह के राष्ट्रव्यापी समारोह के शुभारंभ के अवसर पर कहा, “सरकार निर्यातकों की सहायता और समस्याओं के समाधान के लिए 24 घंटे चलनेवाली “हेल्पलाइन” को संस्थागत रूप देने जा रही है।”
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत सेज नोएडा में “वाणिज्य शपथ” के शुभारंभ के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमारा उद्देश्य’ ब्रांड इंडिया’ को गुणवत्ता, उत्पादकता, प्रतिभा और नवाचार का प्रतीक बनाना है। उल्लेखनीय है कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के हिस्से के रूप में प्रगतिशील भारत के 75 साल का उत्सव मनाने के लिए, आज देश भर में 7 दिनों तक चलने वाले विशेष कार्यक्रम की शुरूआत कर रहा है।
श्री गोयल ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने औद्योगिक विकास और निर्यात में सराहनीय प्रगति की है। यूपी में कानून और व्यवस्था में सुधार से व्यापार करना बहुत आसान और सुरक्षित हो गया है।
उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों के लिए संयुक्त रूप से एक रोडमैप तैयार करने और विश्व व्यापार में भारत को अग्रणी देश बनाने के लिए योगदान देने की आवश्यकता है।
मंत्री ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र के सुधारों ने विकास को कल्याणकारी बना दिया है। स्वास्थ्य कार्यक्रमों का बड़े पैमाने पर विस्तार, शौचालयों का निर्माण आदि एक बड़ी सफलता है और इन सभी ने विकास को समावेशी बनाया है।
घरों में बिजली और रसोई गैस की उपलब्धता ने देश के उन करोड़ों नागरिकों के जीवन पर एक असाधारण असर डाला है, जिन्हें पहले कभी ये लाभ नहीं मिले थे।
श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का आह्वान हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और स्वतंत्रता आंदोलन के प्रति श्रद्धांजलि है और यह हमारे लिए नए जोश, उमंग और उत्साह को प्रेरित करने और उसे फिर से जगाने का अवसर है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ‘वाणिज्य सप्ताह’ एक अखिल भारतीय चरित्र का प्रतीक है और यह जन-आंदोलन और जन-भागीदारी की भावना को प्रतिबिंबित करेगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने वाणिज्य सप्ताह को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के पांच स्तंभों- यानी स्वतंत्रता संग्राम, विचार @ 75; उपलब्धियां @ 75; कार्य @ 75; और संकल्प @ 75 – के इर्द-गिर्द केन्द्रित किया है। इस सप्ताह के दौरान आयोजित की जाने वाली कुछ गतिविधियों में शामिल हैं –
○आत्मनिर्भर भारत को उजागर करते और एक आर्थिक शक्ति के रूप में भारत के उभार को दर्शाते हुए विभिन्न हितधारकों, राज्यों और लोगों की भागीदारी के लिए समावेशी गतिविधियां
○’खेत से विदेशी भूमि तक’ पर केंद्रित विभिन्न सत्र (चाय बागान के 10 लाख से अधिक प्रतिभागी)
○सभी 739 जिलों को कवर करते हुए ‘वाणिज्य उत्सव’
○ईपीसी द्वारा प्रत्येक राज्य/केन्द्र – शासित प्रदेश में 35 निर्यात संवर्धन से जुड़े कार्यक्रम / प्रदर्शनियां ○पूर्वोत्तर क्षेत्र में आभासी निवेशक शिखर सम्मेलन
○250 विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) द्वारा स्वच्छता अभियान और वृक्षारोपण
○पांच राष्ट्रीय संगोष्ठियों/प्रदर्शनियों एवं राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिताओं आदि का आयोजन
श्री गोयल ने कहा कि 75 साल पहले सभी ने स्वराज्य पाने के लिए काम किया था, अब सभी को आत्मनिर्भर बनने के लिए मिशन मोड में काम करना होगा। इस मिशन के सूत्रधार के रूप में मोदी सरकार ने समावेशी विकास के लिए कई सुधार किए हैं।
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, कपड़ा, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने विकास एवं रोजगार सृजन को और अधिक बढ़ावा देने के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कमी, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से संबंधित व्यवस्था का उदारीकरण, सिंगल विंडो क्लीयरेंस, ओडीओपी आदि जैसे कई उपाय किए हैं।
श्री गोयल ने कहा कि कोविड-19 के बावजूद, प्रधानमंत्री के निर्णायक और साहसिक नेतृत्व के कारण हमारी अर्थव्यवस्था पुनर्जीवित हो रही है और निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह सबसे अधिक है और उद्योग जगत विकास के उच्च पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश (एफडीआई) 74.39 बिलियन डॉलर (2019-20) से 10% बढ़कर 81.72 बिलियन डॉलर हो गया है और किसी एक तिमाही में अबतक का सबसे अधिक निर्यात (2021-22 की पहली तिमाही, 95 बिलियन डॉलर) दर्ज किया गया है।