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हमारा जनजातीय समाज जड़, जमीन तथा जंगल की रक्षा करता आया: सीएम

उत्तर प्रदेश

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद बलरामपुर में 33.59 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित थारू जनजाति सांस्कृतिक संग्रहालय का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने थारू संस्कृति पर आधारित उत्पादों की एक प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री जी ने लोकार्पण अवसर पर लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि थारू जनजाति सांस्कृतिक संग्रहालय यहां के जनजातीय समाज की विरासत को आगे बढ़ाने और विकास के साथ जोड़ने तथा आने वाली पीढ़ी को गौरव की अनुभूति कराने का कार्य करेगा। थारू जनजाति के लोग अपने पुराने अनुपयोगी सामान को संग्रहालय में उपलब्ध करायें। इन सामानों को उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति का नाम पट्टिका में अंकित किया जाए। इससे लोग अपनी प्राचीन विरासत को देख पायेंगे। उन्होंने इस संग्रहालय को बलरामपुर, तुलसीपुर, पचपेड़वा व गैसड़ी से बस सेवा द्वारा जोड़ने के निर्देश दिए। संग्रहालय से अन्य क्षेत्रों की बेहतर कनेक्टिविटी हो जाने से लोग व बच्चे थारू जनजाति की जीवनशैली व उसकी समृद्ध विरासत से जुड़ सकंेगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद बलरामपुर अपनी गौरवशाली विरासत के लिए जाना जाता है। आदि शक्ति माँ पाटेश्वरी का आशीर्वाद जनपद बलरामपुर सहित देवीपाटन मण्डल को प्राप्त होता रहा है। जनपद बलरामपुर भारतरत्न श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी व भारतरत्न श्रद्धेय नाना जी देशमुख की सामाजिक तथा राजनीतिक कर्मभूमि रहा है। बलरामपुर का बहुतायत समाज जनजाति से जुड़ा हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में स्वतंत्र भारत में पहली बार एक जनजातीय नेत्री अपनी सादगी, सहजता, सरलता व नेतृत्व क्षमता के कारण देश की राष्ट्रपति बनीं हैं। श्रीमती द्रोपदी मुर्मु जी का भारत का राष्ट्रपति बनना सभी भारतवासियों और पूरी जनजातीय समाज के सम्मान का प्रतीक है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जनजातीय समाज के प्रति सम्मान का भाव व्यक्त करते हुए आजादी की लड़ाई में अमूल्य योगदान देने वाले भगवान बिरसा मुण्डा के जन्म दिवस 15 नवम्बर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विगत 09 वर्षाें में देश में सभी क्षेत्रों में अनेक कार्य हुए हैं, और वैश्विक मंच पर भारत का सम्मान बढ़ा है। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से ही दुनिया के लगभग 200 देश आगामी 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस से जुड़कर हमारी ऋषि परम्परा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करेंगे और कुम्भ को दुनिया की मूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है। उन्होंने सनातन धर्म के साहित्यिक प्रकाशन के क्षेत्र में 100 वर्षाें से लगातार कार्य करने वाले गीता प्रेस, गोरखपुर को ‘गांधी शान्ति पुरस्कार’ हेतु चयनित किये जाने के लिए प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज वैश्विक मंच पर जहां कहीं भी संकट खड़ा होता है, दुनिया संकटमोचक के रूप में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को देखती है। अर्थात् दुनिया आशा भरी निगाहों से भारत की ओर देखती है। प्रधानमंत्री जी के यशस्वी नेतृत्व ने वैश्विक मंच पर भारत का मान बढ़ाया है। बिना भेदभाव के हर जरूरतमंद को लोककल्याणकारी योजनाओं को लाभ प्राप्त हो रहा है। पात्र लोगों को निःशुल्क आवास, शौचालय, रसोई गैस कनेक्शन, विद्युत कनेक्शन व 05 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर तथा राशन का लाभ प्राप्त हो रहा है। देश में हाइवे और एयरपोट्र्स बन रहे हैं। रेल कनेक्टिविटी व इण्टर स्टेट कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। गांव-गांव को सड़कों से जोड़ा जा रहा है। हर घर बिजली व हर घर नल की योजना साकार हो रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारा जनजातीय समाज अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ है और जड़, जमीन तथा जंगल की रक्षा करता आया है। जड़ों से जुड़ने वाले ही ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ के भाव को पूरा करते हैं। पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन किस प्रकार हो, यह हमारे जनजातीय समाज से सीखने के लायक है। थारू जनजातीय समाज ने महाराणा प्रताप के साथ जुड़कर विदेशी आक्रांताओं के छक्के छुड़ाने तथा भारत की धर्म व संस्कृति की रक्षा में अपना अमूल्य योगदान दिया था। अपनी विरासत के प्रति गौरव की अनुभूति और विरासत के प्रति सम्मान का भाव हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने थारू, गोंड, बुक्सा, चेरो व सहरिया जनजातियों को शासन की सभी योजानाओं से लाभान्वित कर रही है। जिनके पास जमीन नहीं है, उन्हें जमीन के पट्टे उपलब्ध कराये जा रहे हैं। राज्य सरकार ने तीन दिन पूर्व जनपद सोनभद्र में 11 हजार जनजातीय परिवारों को जमीन के पट्टे प्रदान करने की स्वीकृति दी है। प्रदेश सरकार ने जनपद बलरामपुर के पांच वनटांगिया गांव को राजस्व ग्राम के रूप में मान्यता दी है। यहां के वनवासी, थारू व वनटांगिया, जो भूमिहीन हैं उन्हें जमीन के पट्टे उपलब्ध कराये जायेंगे और जिनके पास अपना पक्का मकान नहीं है, उन्हें पक्का मकान व शौचालय उपलब्ध कराने का कार्य राज्य सरकार करेगी। उन्हें राशन कार्ड उपलब्ध कराये जायेंगे। निराश्रित महिलाओं, वृद्धों व दिव्यांगजन को पेंशन प्रदान की जाएगी। हर गरीब को पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि थारू जनजाति के लोगों की कला-संस्कृति, आर्ट-क्राफ्ट को संजोया जाए व भविष्य की पीढ़ियों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। इनके द्वारा बनाये जा रहे सामानों को एक मंच उपलब्ध कराया जाए। काॅमन फैसिलिटेशन सेण्टर बनाकर इनके प्रोडक्ट की मार्केटिंग की जाए, जिससे इनकी आमदनी में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आकांक्षात्मक जनपद बलरामपुर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। जनपद बलरामपुर में श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर मेडिकल काॅलेज का निर्माण होने जा रहा है। इस मेडिकल काॅलेज को के0जी0एम0यू0 के सैटेलाइट सेण्टर के रूप में स्थापित किया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य युद्धस्तर पर बढ़ चुका है। जनपद बलरामपुर की सड़क कनेक्टिविटी अच्छी हुई है। रेल की कनेक्टिविटी को और बेहतर करने के प्रयास हो रहे हैं। पड़ोसी जनपद श्रावस्ती में एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आदि शक्ति माँ पाटेश्वरी के नाम पर देवीपाटन मण्डल में एक विश्वविद्यालय के निर्माण की स्वीकृति प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जा चुकी है। थारू गांवों में पक्की सड़कें, बिजली की व्यवस्था, सोलर पैनल  उपलब्ध कराये गये हैं। हर घर नल योजना के अन्तर्गत प्रत्येक घर को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। गरीब बच्चों के लिए आश्रम पद्धति विद्यालय के माध्यम से बेहतर शिक्षा प्रदान की जा रही है। साथ ही, इन बच्चों को छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है। इस प्रकार आकांक्षात्मक जनपद बलरामपुर तीव्र विकास के कारण विकसित जनपद की श्रेणी की ओर बढ़ा है। जिला प्रशासन को इसी गति से जनपद बलरामपुर की विकास यात्रा को लगातार आगे बढ़ाते रहना होगा।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह, आबकारी एवं मद्य निषेध राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नितिन अग्रवाल, समाज कल्याण राज्य मंत्री श्री संजीव गोंड ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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