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जयपुर में आयोजित ‘योग महोत्सव’ में 15,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया

देश-विदेश

जयपुर के श्री भवानी निकेतन शिक्षा समिति के विशाल मैदान में 15,000 से अधिक उत्साही लोगों ने गणमान्य व्यक्तियों के साथ कॉमन योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) का प्रदर्शन किया। योग महोत्सव आगामी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, 2023 उलटी गिनती के 50 दिन के अवसर पर आयोजित उत्सव था। प्रतिभागियों ने सम्मोहित करने वाले परिणाम के साथ पूर्ण लय और सद्भाव में सामान्य योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) का प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र; केन्द्रीय आयुष और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल; केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत; केन्द्रीय संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल;  केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी; आयुष तथा महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई कालूभाई; भीलवाड़ा के सांसद श्री सुभाष चंद्र बहेरिया; जयपुर के सांसद श्री रामचरण बोहरा;  करौली-धौलपुर के सांसद, डॉ. मनोज राजोरिया; नागौर के सांसद श्री हनुमान बेनीवाल;  अजमेर के सांसद श्री भागीरथ चौधरी और  राजसमंद की सांसद दिव्या कुमारी, जयपुर की महापौर डॉ. श्रीमती सौम्या गुर्जर, जयपुर की उप-महापौर श्रीमती पुनीत कर्णावत, आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य के साथ इस योगाभ्यास में भाग लिया।

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इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा कि योग और आयुर्वेद का इतिहास सदियों पुराना है। योग का पहली बार उल्लेख सर्वाधिक प्राचीन ग्रंथ ऋगवेद में किया गया था। यह आध्यात्मिक विधा एक सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित है, जिसका उद्देश्य शरीर और मस्तिष्क के बीच सद्भाव लाना है। पूरा विश्व कोविड-19 के रूप में कठिन समय से गुजरता रहा है। योग और आयुर्वेद ने महामारी पर नियंत्रण पाने में सहायता की है। मुझे योग दिवस की उल्टी गिनती के 50वें दिन आयोजित इस विशाल उत्सव में भाग लेकर अत्यन्त प्रसन्नता हुई है। गुलाबी शहर जयपुर में इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए मैं आयुष मंत्रालय को बधाई देता हूं।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “आज योग की समृद्ध विरासत के साथ इस ऐतिहासिक शहर जयपुर ने इस योग महोत्सव कार्यक्रम को और अधिक सफल बना दिया है। जैसा की आपमें से हजारों लोग यहां शामिल हुए हैं। इन महोत्सवों के माध्यमों से हमारा प्रयास योग की समृद्ध विरासत के निकट एक लहर के प्रभाव को बनाए रखना है। योग स्वस्थ मस्तिष्क और शरीर को महसूस करने के लिए अमृत के रूप में कार्य करने के लिए साबित हुआ है। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के विजन से निर्देशित हम योग सहित अपनी समृद्ध पारंपरिक औषधीय प्रणाली की सहायता से स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण के लिए दृढ़ हैं। भारत इस वर्ष जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है, विश्व के लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को समृद्ध करने के लिए अपने सॉफ्ट पावर योग को आगे बढ़ाने की हमारी विशेष जिम्मेदारी है। इस वर्ष हम आर्कटिक और अंटार्कटिक क्षेत्र में सामान्य योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) का प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं। जयपुर में योग महोत्सव को मिली अद्भुत प्रतिक्रिया से योग को एक वैश्विक स्वास्थ्य सेवा आंदोलन बनाने के हमारे प्रयासों को बल मिला है।”

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राजस्थान में 50 दिनों की उलटी गिनती आयोजित करने के पीछे के तर्क को समझाते हुए आयुष मंत्री ने कहा, “हर वर्ष हजारों विदेशी पर्यटक राजस्थान आते हैं और योग तथा योग चिकित्सा सीखने के लिए कई योग संस्थानों की सेवाओं का लाभ उठाते हैं। मेडिकल वैल्यू ट्रेवल और आध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में राजस्थान के योग संस्थानों के लिए अद्भुत संभावनाएं हैं। हम ग्रामीण पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहे हैं, जो राजस्थान में योग द्वारा पूरी तरह से पूरक है। मुझे विश्वास है कि आगामी सामूहिक प्रदर्शन से राजस्थान में योग के प्रति उत्साह बढ़ेगा। हमारा प्रयास प्रत्येक राज्य में आयुष ग्राम के माध्यम से ग्रामीण आबादी को जोड़ने का है। आयुष ग्राम दो-तीन गांवों का एक समागम होगा और इसमें 3,000 से अधिक की औसत आबादी शामिल होगी। चिन्हित गांवों में योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति करके विशेष प्रशिक्षण के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे ताकि प्रत्येक आयुष ग्राम 21 जून 2023 को सीवाईपी प्रदर्शित करने के लिए तैयार हो सके।

इस अवसर पर श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा, “आज हम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की 50वीं उलटी गिनती मनाने के लिए इस सुंदर शहर में एकत्र हुए हैं। योग के महत्व को समझने के लिए हमें पहले यह जानना होगा कि योग क्या है। योग हजारों वर्षों से ऋषियों के अथक ध्यान का परिणाम है। हमारे ऋषियों ने योग को ‘समत्वम योग उच्यते’ के रूप में परिभाषित किया है, जिसका अर्थ है संतुलन तथा सुख और दुख दोनों में संतुलित रहना। योग ने विश्व को एक सूत्र में पिरोया है, वैश्विक मूल्यों को नया अर्थ दिया है और विभिन्न स्वास्थ्य प्रणालियों को एक-दूसरे के निकट लाया है।

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इस अवसर पर डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई ने कहा, “योग और आयुर्वेद मस्तिष्क-शरीर के संबंध को बहुत महत्व देते हैं। इनका प्रकृति और आसपास के वातावरण से संबंध होता है। स्वयं एक एलोपैथिक डॉक्टर होने के नाते मुझे पता है कि आयुष प्रणालियों ने कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों की कितनी मदद की है। हम सभी जानते हैं कि वर्तमान में लोगों की जीवन-शैली में तेजी से बदलाव आया है और यह बदलाव नकारात्मक रूप से हुआ है, जिसके कारण कई तरह की बीमारियां पनपी हैं। ये बीमारियां ऐसी हैं कि चिकित्सा जगत में इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। वैज्ञानिक अध्ययनों के माध्यम से यह स्थापित किया गया है कि यदि हम योग-ध्यान और आध्यात्मिकता की सकारात्मक जीवन शैली अपनाएं, तो हम अधिकांश आधुनिक बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं। मैं आप सभी का स्वागत करता हूं और योग को दैनिक मार्ग के रूप में अभ्यास करने का आग्रह करता हूं।

योग महोत्सव में जयपुर स्थित तीन योग समूहों योगास्थली योग सोसाइटी, योग पीस, मदन गुर्जर और टीम ने भी प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों, केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों और योग प्रेमियों ने भाग लिया। मंत्रालय ने योग के माध्यम से राजस्थान में चिकित्सा मूल्य यात्रा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार, स्थानीय अधिकारियों और विभिन्न संस्थानों के सक्रिय समर्थन और सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया। महोत्सव का संचालन मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, नई दिल्ली के निदेशक ईश्वर वी. बासवराड्डी ने किया।

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