नई दिल्ली: रेलवे बोर्ड के सदस्य (यांत्रिक) श्री हेमंत कुमार ने 15 जून, 2015 को नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में यात्रिक निदेशालय के बारे में जानकारी दी।
सिंहावलोकन
· भारतीय रेल से 23 मिलियन यात्री रोजाना सफर करते हैं। यह आस्ट्रेलिया की आबादी के बराबर है।
· सभी श्रेणियों को यात्रियो के लिए 100 प्रकार के कोच सेवा में हैं।
· बॉक्स एनएचएल बैगन का एक रेक 4100 एमटी भार वहन करता है-यह 20 टन क्षमता वाले 200 ट्रकों की भार के बराबर है।
· रेलवे ट्रकों की तुलना में 6.57 गुना डीजल ईंधन का कारगर इस्तेमाल करता है।
· ट्रकों की तुलना में प्रतिटन किलोमीटर 84.8 प्रतिशत कम सीओ2 उत्सर्जन।
· पॉवर हाउस ऑन व्हील्स-भारतीय रेल का 5502 डीजल इंजन बेड़ा लगभग 13100 मेगावाट बिजली उत्पादन करता है। यह दिल्ली/एनसीआर की 2016-17 के लिए संभावित शीर्ष बिजली आवश्यकता के दोगुने से अधिक है।
· हमने प्रत्येक वर्ष 1000 मेगावाट जोड़े-यह मेगा थर्मल पावर प्लांट के बराबर है। इसमें संप्रेषण और वितरण घाटा नहीं हुआ है क्योंकि बिजली इस्तेमाल की जगह ही बनायी जाती है।
· बिजली उत्पादन के लिए अतरिक्त संरचना की आवश्यकता नहीं।
· 42 डीजल सेड तथा 10 वर्कशॉप में इंजनों का रखरखाव किया जाता है।
· सातों दिन 24 घंटे 350 कोचिंग तथा माल डिपो तथा 26 वर्कशॉप कोचों तथा वैगनों का रखरखाव करते हैं।
· भारतीय रेल ने 6 उत्पादन इकाइयों की स्थापना की है। इन इकाइयों में प्रतिवर्ष 600 डीजल तथा इलेक्ट्रिक इंजन तथा 3000 कोच बनाए जाते हैं।
· उत्पादन इकाइयों में तथा वर्कशॉप में प्रत्येक वर्ष 4000 से अधिक अप्रेंटिस इंजीनियरिंग की विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षित किए जाते हैं।