नई दिल्ली: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज सिंगापुर के टेमासेक फाउंडेशन से 4,475 ऑक्सीजन सांद्रक (कंसेंट्रेटर) की पहली खेप का स्वागत किया। टेमासेक फाउंडेशन ने भारत को कुल 20,000 ऑक्सीजन सांद्रक दान करने की पेशकश की है। शेष ऑक्सीजन सांद्रक अगस्त, 2020 में मिलेंगे। इन उपकरणों को कोविड-19 के मध्यम मामलों के इलाज में उपयोग के लिए राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को उपलब्ध कराया जाएगा।
सिंगापुर के टेमासेक फाउंडेशन के प्रति इस मदद के लिए आभार व्यक्त करते हुए श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि ऑक्सीजन सांद्रक देश में कोविड-19 से निपटने की लड़ाई में काफी मदद करेंगे। फाउंडेशन के इस योगदान को ‘समय पर दिया गया मदद’ बताते हुए उन्होंने इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी को कम से कम समय में उपकरणों का आयात करा लेने के लिए बधाई दी। उन्होंने इसकी पूरी प्रक्रिया को संपन्न कराने में टाटा ट्रस्ट के प्रयासों की भी सराहना की। श्री चौबे ने उन सभी लोगों के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया जिन्होंने देश में कोविड-19 से निपटने की लडाई में रक्त-दान, प्लाज्मा दान के माध्यम योगदान किया है और इस तरह का योगदान अब भी कर रहे हैं।
श्री चौबे ने कहा कि भारत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ऊर्जस्वी नेतृत्व में ‘पूरी सरकार’ के दृष्टिकोण के साथ केंद्र और राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के बीच समन्वित प्रयासों के जरिए कोविड-19 से निपटने की लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है। पूरे देश में इसके उत्साहजनक परिणाम दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश सरकारों को उनके प्रयासों में हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
श्री अश्विनी कुमार चौबे ने ऑक्सीजन सांद्रक की उपयोगिता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ऑक्सीजन सांद्रक कोविड-19 से संक्रमित उन मध्यम रोगियों के लिए सहायक उपकरण हैं, जिन्हें कम ऑक्सीजन संगत की आवश्यकता हो सकती है। ऑक्सीजन सांद्रक वायुमंडलीय हवा को चिकित्सीय ऑक्सीजन में परिवर्तित करते हैं जिसमें 90% -95% की सांद्रता होती है। उन्होंने कहा कि इस उपकरण को भारी ऑक्सीजन सिलेंडर के परिवहन और उनमें फिर से ऑक्सीजन भरने जैसी कोई आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए इन्हें उन वार्डों में रखा जा सकता है जहां ऐसे रोगियों का इलाज चल रहा हो। इन मशीनों का उपयोग कोविड देखभाल केंद्रों और उन रेलवे कोचों में किया जा सकता है जिन्हें कोविड देखभाल केंद्रों के रूप में इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया है। मंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन सांद्रक दूर-दराज के क्षेत्रों में विशेष रूप से उपयोगी हैं,जहां परिवहन संबंधी बाधाएं ऑक्सीजन सिलेंडर की निरंतर आपूर्ति में बाधा बन सकती हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य और परिवार कल्याण (एचएफडब्ल्यू) सचिव सुश्री प्रीति सूदन, ओएसडी (एमओएचएफडब्ल्यू) श्री राजेश भूषण, इंडियन रेड क्रॉस के महासचिव श्री आर के जैन, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के वरिष्ठ अधिकारी और टाटा ट्रस्ट के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।