17.2 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश भर में 21939 मीट्रिक टन से अधिक तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति की है

देश-विदेश

सभी बाधाओं को पार करते हुए और नए समाधान खोजने के लिए, भारतीय रेलवे देश भर के विभिन्न राज्यों में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाकर राहत प्रदान करने की अपनी यात्रा जारी रखे हुए है। अब तक, भारतीय रेलवे ने देश भर के विभिन्न राज्यों में 1304 से अधिक टैंकरों में 21939 मीट्रिक टन से अधिक तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति की है।

उल्लेखनीय है कि 321 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अब तक अपनी यात्रा पूरी कर विभिन्न राज्यों को राहत प्रदान की है।

इस विज्ञप्ति को तैयार करने के समय तक, 46 टैंकरों में 827 मीट्रिक टन से अधिक तरल चिकित्सा ऑक्सीजन के साथ 11 लोडेड ऑक्सीजन एक्सप्रेस अपनी यात्रा के दौरान रास्ते में थी।

कर्नाटक, तमिलनाडु और हरियाणा प्रत्येक राज्य में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) की आपूर्ति 2000 मीट्रिक टन को पार कर गई।

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्य के लिए तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) की आपूर्ति क्रमशः 1800 मीट्रिक टन और 1900 मीट्रिक टन को पार कर गई।

गौरतलब है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 37 दिन पहले 24 अप्रैल को महाराष्ट्र में 126 मीट्रिक टन के साथ अपनी आपूर्ति शुरू की थी।

यह भारतीय रेलवे का प्रयास है कि अनुरोधकर्ता राज्यों को यथासंभव कम से कम समय में अधिक से अधिक तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाए।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और असम जैसे 15 राज्यों तक पहुंची है।

इस विज्ञप्ति को तैयार करने के समय तक, महाराष्ट्र में 614 मीट्रिक टन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3797 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 656 मीट्रिक टन, दिल्ली में 5527 मीट्रिक टन, हरियाणा में 2034 मीट्रिक टन, राजस्थान में 98 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 2115 मीट्रिक टन, उत्तराखंड में 320 मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 2016 मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश में 1896 मीट्रिक टन, पंजाब में 225 मीट्रिक टन, केरल में 380 मीट्रिक टन, तेलंगाना में 1978 मीट्रिक टन, झारखंड में 38 मीट्रिक टन और असम में 240 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा चुकी है।

अब तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश भर के 15 राज्यों के लगभग 39 शहरों/कस्बों में एलएमओ की आपूर्ति की है, जैसे उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, बरेली, गोरखपुर और आगरा, मध्य प्रदेश में सागर, जबलपुर, कटनी और भोपाल, महाराष्ट्र में नागपुर, नासिक, पुणे, मुंबई और सोलापुर, तेलंगाना में हैदराबाद, हरियाणा में फरीदाबाद और गुरुग्राम, दिल्ली में तुगलकाबाद, दिल्ली कैंट और ओखला, राजस्थान में कोटा और कनकपारा, कर्नाटक में बेंगलुरु, उत्तराखंड में देहरादून, आंध्र प्रदेश में नेल्लोर, गुंटूर, तड़ीपत्री और विशाखापत्तनम, केरल में एर्नाकुलम, तमिलनाडु में तिरुवल्लूर, चेन्नई, तूतीकोरिन, कोयंबटूर और मदुरै, पंजाब में भठिंडा और फिल्लौर, असम में कामरूप और झारखंड में रांची शामिल हैं।

भारतीय रेलवे ने ऑक्सीजन आपूर्ति स्थानों के साथ विभिन्न मार्गों की मैपिंग की है और राज्यों की किसी भी जरूरत के लिये खुद को तैयार रखा है। एलएमओ लाने के लिए राज्य भारतीय रेलवे को टैंकर प्रदान करते हैं।

देश भर को पार करते हुए, भारतीय रेलवे पश्चिम में हापा, बड़ौदा, मुंद्रा और पूर्व में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटानगर, अंगुल जैसे स्थानों से ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है और फिर इसे जटिल परिचालन मार्ग नियोजन परिदृश्यों में उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और असम राज्यों में पहुंचा रही है।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऑक्सीजन राहत सबसे तेज समय में पहुंचे, रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस मालगाड़ियों के संचालन में नए मानक और अभूतपूर्व उपलब्धि बना रहा है। लंबी दूरी के ज्यादातर मामलों में इन महत्वपूर्ण माल गाड़ियों की औसत गति 55 से ऊपर है। उच्च प्राथमिकता वाले ग्रीन कॉरिडोर पर दौड रही मालगाड़ियां, उच्चतम अत्यावश्यकता के साथ, विभिन्न क्षेत्रों की परिचालन टीमें सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में चौबीसों घंटे काम कर रही हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऑक्सीजन सबसे जल्दी और संभव समय सीमा में पहुंचे। विभिन्न वर्गों में परिचालन दल के परिवर्तन के लिए तकनीकी ठहराव को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस लगातार आगे चलती रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए उच्च सतर्कता बरती जाती है और पटरियों को इन ऑक्सीजन एक्सप्रेस के लिए खाली रखा जाता है।

यह सब इस तरह से किया जाता है कि अन्य माल ढुलाई की गति भी कम न हो।

नई ऑक्सीजन एक्सप्रेस का परिचालन एक बहुत ही गतिशील प्रक्रिया है और आंकड़े हर समय अपडेट होते रहते हैं। साथ ही और अधिक भरी हुई ऑक्सीजन एक्सप्रेस के देर रात में अपनी यात्रा शुरू करने की उम्मीद है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More