देहरादून: पी.सी.पी.एन.डी.टी राज्य स्तरीय समिति की बैठक महानिदेशालय चिकित्सा स्वास्थ्य के
सभागार में महानिदेशक स्वास्थ्य कुसुम नरियाल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
बैठक में उन्होने समिति के सदस्यों को अवगत कराया कि पी.सी.पी.एन.डी.टी एक्ट का कड़ाई से पालन नही हो पा रहा है इसके लिए उन्होने समस्त जनपदों में गठित पी.सी.पी.एन.डी.टी समिति द्वारा कड़ाई से पालन करवाने हेतु किया जाये।
बैठक में अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी/निदेशक अजीत गैरोला ने कहा कि पी.सी.पी.एन.डी.टी एक्ट का सही तरह से क्रियान्वयन नही किया जा रहा है, इसके लिए जनपदों में संचालित हो रहे अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों का अनिवार्य रूप से नियमित निरीक्षण किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि प्रत्येक केन्द्र द्वारा फार्म-एफ, को अनिवार्य रूप से भरा जाना चाहिए तथा जिन केन्द्र पर फार्म-एफ नही भरा जाता है तथा सूचना आनलाईन नही की जाती ऐसे केन्द्रों को सील करते हुए उनके विरूद्ध एक्ट में वर्णित प्राविधानों के अनुरूप विधिक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होने यह भी निर्देश दिये हैं की जनपद स्तर पर संचालित हो रहे अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी से उपलब्ध करायी जाय तथा बिना रजिस्टेªशन के संचालित हो रहे केन्द्रों को सील करते हुए उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। उन्होने यह भी कहा कि, जिन अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों द्वारा गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउण्ड नही किया जाता उनकी सूची तैयार कर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाय।उन्होने कहा कि पी.सी.पी.एन.डी.टी एक्ट के सही क्रियान्वयन हेतु एक टोल-फ्री न0 भी जारी किया जायेगा, जिस पर कोई भी व्यक्ति, अवैध रूप से संचालित किये जा रहे केन्द्रों की सूचना दे सकता है। उन्होने कहा शांतिकुंज, हर की पैड़ी हरिद्धार के साथ एक कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को ‘‘लड़का-लड़की एक समान’’ है के प्रति जागरूक किया जाय। उन्होने सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक प्रथाओं में बेटी के प्रति नजरिया बदलने की अपील की। उन्होने कहा कि कई जनपदों लिंगानुपात घटता जा रहा है, जो चिंता का विषय है, इसे रोकने के लिए उचित कार्रवाई एवं जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाने चाहिए।
इस अवसर पर अपर सचिव न्याय महेश चन्द्र कौशिबा ने कहा कि पी.सी.पी.एन.डी.टी एक्ट का सही तरह से क्रियान्वयन किया जाना चाहिए तथा जिन अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रो द्वारा एक्ट में वर्णित प्राविधानों का पालन नही किया जा रहा है उनके विरूद्ध उचित कार्यवाही की जानी चाहिए तथा पकड़े जाने पर उनके विरूद्ध पी.एन.डी.टी एक्ट की धाराओं के अन्तर्गत कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए, तथा न्यायालय में वाद दायर करते समय सभी धाराओं का उल्लेख किया जाना आवश्यक है। ताकि दोषी के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही सही ढंग से की जा सके तथा इस कार्य में स्थानीय अधिसूचना ईकाई का भी सहयोग लिया जाना चाहिए, जिससे अवैध रूप से संचालित होने वाले अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की जानकारी प्राप्त की जानी चाहिए। उन्होने कहा कि केन्द्रो द्वारा फार्म-एफ को पूरा भरने के साथ कम्पाईल किया जाना चाहिए।
बैठक में निदेशक डाॅ आभा ममगांई, नोडल अधिकारी पी.सी.पी.एन.डी.टी एक्ट डाॅ अनूप कुमार डिमरी, विधिक सलाहकार सुशील पुरोहित, सत्री रोग विशेषज्ञ डाॅ अंजली नौटियाल, प्रसुति विशेषज्ञ डा मीनाक्षी जोशी, विधि विशेषज्ञ पंकज सुन्दरियाल आदि उपस्थित थे।