इस्लामाबाद: पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील अस्मा जहांगीर को मरणोपरांत संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार सम्मान, 2018 से सम्मानित किया जा रहा है.संयुक्त राष्ट्र ने बृहस्पतिवार को इस पुरस्कार को पाने वाले चार नामों की घोषणा की. अस्मा भी उनमें से एक हैं.
डॉन न्यूज की खबर के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष मारिया फर्नेंडा एस्पीनोसा ग्रेसेस के ट्विटर अकाउंट से यह घोषणा की गई. घोषणा से पहले ग्रेसेस ने कहा, ‘आज मैं संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार सम्मान, 2018 के विजेताओं की घोषणा कर रही हूं.’
फिर उन्होंने जहांगीर और अन्य तीनों के नाम की घोषणा की. अन्य तीन हैं… तंजानिया की कार्यकर्ता रेबेका ग्यूमी, ब्राजील की पहली मूल निवासी वकील जोएनिया वापिचाना और आयरलैंड का मानवाधिकार संगठन ‘फ्रंट लाइन डिफेंडर्स’. उन्होंने कहा, ‘आपका काम हमारे लिए प्रेरक है.’ खबर में कहा गया है कि जहांगीर को यह सम्मान मरणोपरांत दिया जा रहा है.
संगठन का कहना है कि ‘मानवाधिकार के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र सम्मान’ एक मानद पुरस्कार है जो मानवाधिकार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर दिया जाता है. सम्मान 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस के दिन न्यूयॉर्क में आयोजित एक समारोह में दिया जाएगा.
सम्मान पाने वाली जहांगीर चौथी पाकिस्तानी महिला
जहांगीर यह सम्मान पाने वाली चौथी पाकिस्तानी महिला हैं. इससे पहले बंगम राना लियाकत अली खान (1978), बेनजीर भुट्टो (2008) और मलाला युसूफजई (2013) को यह सम्मान मिल चुका है.
जहांगीर (66) का दिल का दौरा पड़ने से 11 फरवरी, 2018 को निधन हो गया था. वह पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की पहली महिला अध्यक्ष भी रहीं. (इनपुट- भाषा)