देहरादून : जून 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ सहित आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पुनर्निर्माण, आदि पर हुए व्यय का सम्पूर्ण विवरण गैरसैंण विधानसभा सत्र में रखा जाएगा। इसमें भारत सरकार, विभिन्न संगठनों से राज्य सरकार को प्राप्त सहायता राशि का भी विवरण होगा।
सोमवार देर सांय बीजापुर हाउस में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने निर्देश दिए कि इसके लिए सम्पूर्ण जानकारी विभिन्न स्तरों से क्रास-चैक करके रिपोर्ट तैयार कर ली जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आपदा पुनर्निर्माण में हमारी एजेंसियों ने बेहतर कार्य किया है। परंतु स्पष्ट जानकारी न होने के कारण बहुत से लोगों द्वारा अनेक बार भ्रमित बातें की जाती है। इसलिए जिलों, विभागों व संबंधित कार्यदायी एजेंसियों से सारा ब्यौरा जुटाकर शासन स्तर पर एक समन्वित रिपोर्ट बनाई जाए। कार्यों की गुणवŸाा के साथ ही पारदर्शिता भी जरूरी है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि एसडीआरएफ को मल्टी परपज फोर्स के रूप में विकसित किया जाए। जिला आपदा प्रबंधन(डीडीएमए) में स्थायित्व लाया जाए। इनके अधिकारियों को एक स्थान पर लम्बे कार्यकाल तक काम करने दिया जाना चाहिए। एसडीआरएफ की मुख्यालय स्तर पर सिंगल कंट्रोलिंग हो। एसडीएमए को सशक्त किया जाए। प्रत्येक बात को पेपर पर लिया जाए। आपदा की स्थिति में जिलों व विभागीय स्तर पर किसे क्या करना है, स्पष्ट होना चाहिए। एसडीएमए व डीडीएमए के कार्मिकों को अतिरिक्त इंसेंटिव दिए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्कूलों व कालेजों से बात कर प्रस्ताव दिया जाए कि बड़ी कक्षाओं के स्कूली छात्र व कालेजों के छात्रों के गु्रप यदि इस माह केदारनाथ जाना चाहें तो सरकार की ओर से उनके एक तरफ के यातायात का खर्चा उठाया जाएगा। सतोपंथ व स्वर्गारोहिणी के प्रचार प्रसार पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने यहां के लिए पुलिस के पर्वतारोही दलों को भेजने की योजना बनाने को कहा।
इस अवसर पर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, सचिव आनंदवर्धन, डीएस गब्र्याल, अमित नेगी, विनोद शर्मा, आर मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव विम्मी सचदेवा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।