देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने परेड ग्राउन्ड में उद्योग विभाग द्वारा हथकरघा उत्पादों के समग्र विकास व प्रचार-प्रसार हेतु 31 दिसम्बर, 2016 से 14 जनवरी 2017 तक आयोजित ‘‘नेशनल हैण्डलूम एक्सपो-2016’’ का दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत उद्घाटन किया।
अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाला हैण्डलूम एक्सपो एक पहचान व अपने आप में एक ब्रांड के रूप में स्थापित हो चुका है। राज्य व देश के कोने-कोने से लोग इसमे भाग लेने आ रहे हैं। इसका टर्न ओवर भी अच्छा रहा है। उन्होंने कहा कि एक्सपो के माध्यम से ग्रामोद्योग व स्थानीय हस्तशिल्पों को प्रोत्साहन मिलेगा। प्राथमिक बुनकर व सहकारी समितियाॅं भी इसमें बढ़-चढ़ कर भाग ले रही है। देहरादून के लोग भी इसे सराह रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जनता के सरंक्षण से ही शिल्प पनपता है तथा शिल्प लोगो को रोजगार देने का कार्य करता है। यदि आप शिल्प को संरक्षित करते है तो यह आपको भी संरक्षित करेगा। श्री रावत ने इन प्रयासों में मानवीय संवेदना को विकसित करने पर बल दिया। आज दुनियाभर में शिल्पों को संरक्षित किया जा रहा है। हिमाद्री उत्तराखण्ड का राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित ब्रान्ड बन चुका है। हस्तशिल्पों को बढ़ावा देने में सभी समितियों को प्रयास करना होगा। उक्त एक्सपो में कुल 128 समूहों में से उत्तराखण्ड के 45 समूहों ने भाग लिया है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रमुख सचिव मनीषा पंवार को निर्देश दिए कि राज्य के दूर-दराज क्षेत्रों से एक्सपो में भाग लेने आये समूहो को उनके किराये आदि के व्यय को देखते हुए कुछ रियायत देने पर गम्भीरता से विचार किया जाय जिससे उन्हे लेवल प्लेयिंग फील्ड मिल सके। बाहर से आये लोगों ने भी उत्तराखण्ड के हैण्डलूम उत्पादों की सराहना की है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि समय आ गया है कि एक्सपो में उत्तराखण्ड के वाद्य यं़त्रों के साथ राज्य के पारम्परिक गहनों एवं वेशभूषा को भी प्रोत्साहित किया जाय। उत्तराखण्ड के सुन्दर पारम्परिक गहनों को बाजार में स्थान दिलवाने के लिए हमे विशेष प्रयासो की आवश्यकता है। श्री रावत ने सुझाव दिया किया कि राज्य पारम्परिक गहनों, वेशभूषा व संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु राज्य में ‘‘उत्तराखण्ड फैशन शाॅ’’ का आयोजन किया जाना चाहिए। आने वाली 25 तारीख को उत्तराखण्ड व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सर्वश्रेष्ठ ‘‘रस्यारी’’ भोजन बनाने वाली प्रतिभागियों को क्रमशः 2, 1.5 एवं 1 लाख रूपये का पुरस्कार दिया जाएगा। यह एक अच्छा प्रयास है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल, विधायक राजकुमार, प्रमुख सचिव मनीषा पवार, नन्द लाल भारती आदि उपस्थित थे।