देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को परेड ग्राउण्ड में नवनिर्मित जिला खेल कार्यालय भवन, नवसृजित खेल अवस्थापना सुविधाओं, बहुद्देशीय क्रीड़ा हॉल, आवासीय क्रीड़ा छात्रावास, टेनिस कोर्ट, वास्केट बॉल कोर्ट एवं वॉलीबॉल कोर्ट का लोकार्पण किया। इकसे साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों (कोच) को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी खेल जगत से जुड़े लोगों, खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि आज उत्तराखण्ड आधुनिक खेल सुविधायुक्त राज्य की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ा है। राज्य को 2017 के प्रारम्भ तक देहरादून और हल्द्वानी के स्टेडियम तैयार कर लिये जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष हमने इसके लिए ग्रामीण खेलों को प्रोत्साहित किया। अब संस्थागत खेलों को बढ़ावा दिये जाने की जरूरत है। हमें परम्परागत खेलों को भी बढ़ावा देना है जिसमें कुश्ती, कबड्डी और गुल्ली-डंडा शामिल हैं। इनको व्यवस्थित तरीके से आयोजित किये जाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सरकार इसके लिए 100 के लगभग ग्रामीण स्टेडियम विकसित कर रही है, साथ ही इसके लिए मंझोले शहरों में अच्छे मिनी स्टेडियम भी विकसित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोच भी खेलों में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमें उन्हें भी प्रोत्साहित करने की जरूरत है। राज्य सरकार द्वारा खेल के क्षेत्र में अच्छा करने वाले 300 से अधिक खिलाड़ी व प्रशिक्षकों को चयनित किया है और अभी 144 खिलाड़ियों और 76 खेल प्रशिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा है, बाकी के 100 से अधिक खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को अगले दो माह में सम्मानित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे युवकों को में खेल की ट्रेनिंग दी जाए, इसके लिए राज्य की युवा प्रतिभाओं को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें फ्रेंड्स ऑफ स्पोर्ट्स को भी प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इसमें प्राईवेट सेक्टर सहित इंडस्ट्रीज व कार्पोरेट हाऊस को भी शामिल कर सकते हैं। ऐसे संस्थान जो खिलाड़ियों को नौकरियाँ देकर प्रोत्साहित कर रहे हैं उनको भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2015 के पदक विजेताओं को भी चैक देकर सम्मानित किया।