देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत से बीजापुर हाउस में केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता समिति के सचिव परमेश्वरन अय्यर ने भेंट की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने श्री अय्यर से 50 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुकी पेयजल योजनाओं तथा क्षतिग्र्रस्त पेयजल योजनाओं के साथ ही शौचालयों के निर्माण से संबंधित योजनाओं के लिये भी केन्द्रीय सहायता धनराशि उपलब्ध कराने को कहा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारा प्रयास राज्य को 09 नवम्बर तक खुले में शौच से मुक्त(ओडीएफ) राज्य बनाने का है। इसके लिये उन्होंने सचिव पेयजल, सचिव वित्त एवं प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं श्रम से शीघ्र योजना बनाने को कहा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आपदाग्रस्त 05 जनपदों उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर व पिथौरागढ़ को आपदा राहत मद से तथा भवन निर्माण कार्य से जुड़े पंजीकृत श्रमिकों के परिवारों को शौचालय निर्माण हेतु 20 हजार की धनराशि श्रम के अन्तर्गत प्राप्त होने वाले सेस की धनराशि से किया जायेगा। शेष के लिये बजट की व्यवस्था हेतु उन्होंने सचिव वित्त को निर्देश दिये है। साथ ही इसकी यू0सी0 शीघ्र भारत सरकार को भी प्रेषित करने को कहा। ताकि भारत सरकार द्वारा भी धनराशि उपलब्ध हो सके। मुख्यमंत्री श्री रावत ने केन्द्रीय सचिव श्री अय्यर से ऐसी एकल पेयजल योजनाओं को, जो ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित की गई है। उनके क्षतिग्रत होने की दशा में मरम्मत आदि के लिये भी धनराशि का प्राविधान भारत सरकार के स्तर से किये जाने की अपेक्षा की। पर्वतीय भौगोलिक स्थिति व वर्षा व बाढ़ आदि के कारण अधिकांश पेयजल योजनाओं क्षति हो जाती है, जिनकी मरम्मत पर बढ़ी मात्रा में धनराशि व्यय होगी। ग्राम पंचायतें इनकी मरम्मत अपने संसाधनों से नही कर सकती है।
केन्द्रीय सचिव ने कहा कि राज्य की पेयजल योजनाओं के संबंध में तकनीकि सहयोग आदि के लिये अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में केन्द्रीय टीम राज्य का भ्रमण करेगी। इस टीम द्वारा राज्य को पेयजल योजनाओं के क्रियान्वयन में तकनीकि सहयोग के साथ ही अन्य सुझाव व सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री रावत को पेयजल योजनाओं एवं ओडीएफ के लिये आवश्यक धनराशि एवं सहयोग का भरोसा दिया है। उन्होंने इस संबंध में राज्य सरकार के प्रयासों की भी सराहना की।
बैठक में सचिव पेयजल अरविंद सिंह हयांकी, अपर सचिव आशीष जोशी, प्रबन्ध निदेशक पेयजल निगम भजन सिंह आदि उपस्थित थे।