लखनऊः प्रदेश के गन्ना एवं चीनी उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेश राणा के निर्देश पर गन्ना आयुक्त श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने विभागीय अधिकारियों को अस्वीकृत प्रजाति के गन्ने की बुवाई न कराने के निर्देश जारी किये हैं, साथ ही प्रदेश के गन्ना किसानों से अस्वीकृत प्रजाति के गन्ने को न बोने की अपील करते हुए बताया कि कतिपय परिक्षेत्रों में अस्वीकृत प्रजाति का गन्ना अधिक विद्यमान है, जिससे वहाॅ की औसत उपज एवं चीनी परता अपेक्षाकृत कम प्राप्त होता है जिससे चीनी मिलें भुगतान में हीलाहवाली करती हैं । परन्तु कतिपय कृषकों द्वारा अभी भी अस्वीकृत प्रजाति के गन्ने की बुवाई निरंन्तर की जा रही है तथा उसकी पेड़ी प्राप्त की जा रही हैं।
प्रदेश के गन्ना आयुक्त ने यह भी बताया कि पेराई सत्र 2019-20 में केवल स्वीकृत प्रजाति के गन्ने की खरीद एवं पेराई चीनी मिलों द्वारा की जायेगी। इस स्थिति में किसान भाई स्वीकृत प्रजाति का ही गन्ना बीज प्रचलन में लाते हुए शरदकालीन एवं बसन्तकालीन में गन्ने की बुवाई सुनिश्चित करायें ताकि चीनी मिलों द्वारा समय से किसानों का गन्ना क्रय करते हुए पेराई की जा सके तथा गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित किया जा सके।
अस्वीकृत प्रजाति के गन्ने में विभिन्न प्रकार की बीमारियाॅ लगने की सम्भावना बनी रहती हैं और पैदावार/चीनी परता भी कम प्राप्त होता है तथा चीनी मिलों द्वारा अस्वीकृत प्रजाति के गन्ना का मूल्य का भुगतान विलम्ब से किया जाता है, जिसके कारण किसान भाईयों को आर्थिक नुकसान उठाना पड जाता है।