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स्थानीय कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए: मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड

देहरादून: शनिवार को एक स्थानीय कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के बाद मौके पर मौजूद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत

ने कहा कि इस बार अर्धकुम्भ की व्यवस्थाओं पर श्रद्धालुओं से जिस प्रकार की सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं, उससे हम बहुत उत्साहित हैं। हमने 10 करोड़ लोगों के आने की सम्भावना को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं की हैं। अपे्रल माह तक यह संख्या अवश्य पार कर जाएगी। हमारी यह भी कोशिश रही है कि अर्धकुम्भ में जो भी श्रद्धालु आएं वें क्षेत्र में दो तीन दिन अवश्य रहें। इसके लिए अतिरिक्त आकर्षण भी विकसित किया गया है। अर्धकुम्भ क्षेत्र के अंदर ही अंदर सुविधाओं को विस्तृत किया है। हिल बाई पास तैयार किया गया और कुम्भ क्षेत्र को देवप्रयाग तक बढ़ाया है। अगले कुम्भ में इसे और विस्तार किए जाने की सम्भावना देखेंगे। इस वर्ष केंद्र से अर्धकुम्भ के लिए अभी तक धन नहीं मिल पाया है।  इस कारण एक दो घाट और निर्मित नहीं कर पाए नही ंतो एक और क्षेत्र इसमें शामिल हो जाता। इस अर्धकुम्भ में की गई व्यवस्थाएं आगे के पूर्ण कुम्भ में भी काम आएंगी। हम नीलधारा को विकसित करेंगे। हमें अब भी उम्मीद हैं कि केंद्र हमारी मदद करेगा। पहले ऐसा कहा गया था कि 164 करोड़ रूपए स्वीकृत कर दिए गए हैं परंतु अभी यह राशि वहां से अवमुक्त नहीं की गई है।

एनजीटी के निर्देशों के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि देश के पर्यावरण संरक्षण में उŸाराखण्ड का सबसे अधिक योगदान रहा है। हम अपने ग्रीन कवर को लगाताार बढ़ा रहे हैं। हम अपने सीमित संसाधनों के बावजूद जलसंवर्धन का काम कर रहे हैं। कुछ मंदिरों में वर्ग विशेष के लोगों के प्रवेश पर कथित रोक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उŸाराखण्ड में मंदिरों में दलितों के प्रवेश पर कहीं भी रोक नहीं है। यहां आपसी सदभाव की परम्परा रही है। यहां हिंदुओं के सबसे बडे केंद्र बदरीनाथ व केदारनाथ में प्रवेश से पहले लोगों की जाति व धर्म के बारे में  पूछा नहीं जाता है। बदरीनाथजी में मुस्लिम व्यक्ति द्वारा लिखे गीत का पाठन होता है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर दुख जताया कि कुछ लोग उŸाराखण्ड की आपसी सद्भाव की महान परम्परा को बताने के बजाय कथित गलत बातों का प्रचार करते हैं।
देहरादून में यातायात की व्यवस्था को सुधारे जाने के उपायों के संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि देहरादून में ऐसी स्थिति नहीं आई है कि ओड ईवन फार्मूला को अपनाया जाए। यहां छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रख लिया जाए तो काफी राहत मिल सकती है। जिस प्रकार दिल्ली में धरना, प्रदर्शन के लिए जंतर मंतर को निश्चित किया गया है उसी प्रकार यहां भी एक क्षेत्र विशेष को इसके लिए चिन्हित किया जा सकता है। इसी प्रकार नगर परिक्रमा पूरे नगर की न होकर एक सीमित क्षेत्र तक भी किया जा सकता है। लोग इस बात का प्रयास करें कि जिस समय स्कूलों की छुट्टी होती है उस समय जहां तक सम्भव हो गाड़ी लेकर न निकलें।

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