नई दिल्ली: सहभागिता गारंटी प्रणाली जैविक उत्पादों के प्रमाणन की एक प्रक्रिया है जो जैविक उत्पादों के लिए निर्धारित मानकों के अनुसार कृषि उत्पादन की प्रक्रिया और वांछित गुणवत्ता को बनाए रखना सुनिश्चित करती है। इसे दस्तावेजी लोगो अथवा विवरण के रूप में प्रदर्शित किया गया है
घरेलू जैविक बाजार के विकास को बढ़ावा देने के लिए और जैविक प्रमाणीकरण की आसान पहुंच के लिए छोटे एवं सीमान्त किसानों को समर्थ बनाने के लिए कृषि एवं सहकारिता विभाग, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक विकेन्द्रीकृत जैविक कृषि प्रमाणन प्रणाली “भारत की सहभागिता प्रतिभूति प्रणाली” (पीजीएस-इंडिया) लागू की गई है। यह लागत प्रभावी, किसानों के अनुकूल, परेशानी से मुक्त है। यह प्रमाणन की थर्ड पार्टी सिस्टम से भिन्न है और जैविक उत्पाद की निर्यात बाजार में प्रवेश के लिए पहली आवश्यक्ता है ।
यह गुणवत्ता आश्वासन के लिए पहल है जो प्रमाणीकरण प्रणाली में उत्पादकों / किसानों, व्यापारियों सहित हितधारकों की सक्रिय भागीदारिता के साथ स्थानीय रूप से संबद्ध है । इस समूह प्रमाणीकरण प्रणाली को परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) का समर्थन प्राप्त है। एक प्रकार से यह जैविक उत्पाद की स्वदेशी मांग को सहायता पहुंचाती है और किसान को दस्तावेज प्रबंधन और प्रमाणीकरण प्रक्रिया, से जुड़ी अन्य आवश्यकताओं से संबंधित प्रशिक्षण देती है और यदि वह निर्यात का विकल्प चुनता है तो उसे थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन के लिए तैयार करती है ।
इस प्रमाणीकरण प्रणाली के ऑनलाइन प्रचालन के लिए एक वैब पोर्टल : http;//www.pgsindia-ncof.gov.in तैयार किया गया है । इस वैब पोर्टल में (i) पंजीकरण (ii) अनुमोदन (iii) दस्तावेजीकरण (iv) निरीक्षण के रिकार्ड और (v) प्रमाणीकरण के लिए ऑनलाईन सुविधा है । यह प्रमाणीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढावा देगा । यह (i) जैविक उत्पादको और (ii) पीजीएस प्रमाणीकरण के अंतर्गत क्षेत्र का डाटाबेस तैयार करने में अग्रणी होगा ।
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