नयी दिल्ली: देश के पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री व भाजपा के मुखर नेता अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को निधन हो गया. दिल्ली के एम्स में दोपहर 12.07 बजे अंतिम सांस ली. वह 66 वर्ष के थे. रविवार की दोपहर दिल्ली के निगम बोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे की वजह से अरुण जेटली के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाएंगे, हालांकि बहरीन में एक कार्यक्रम के दौरान वह जेटली को याद कर भावुक हो गये.
अंतिम दर्शन के लिए अरुण जेटली का पार्थिव शरीर भाजपा मुख्यालय लाया गया है. दोपहर 1 बजे तक लोग पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन कर पाएंगे. करीब 10: 30 बजे जब अरुण जेटली के पार्थिव शरीर को भाजपा मुख्यालय लाया जा रहा था. इस वक्त, साथ में उनके सैकड़ों चाहने वाले भी चल रहे थे. जगह-डगह पर लोगों का हुजूम जेटली के अंतिम दर्शन को उमड़ पड़ा और उन्हें याद करते हुए लोगों ने नारे भी लगाये.
भाजपा मुख्यालय में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, रविशंकर प्रसाद समेत कई केंद्रीय मंत्री और सांसद अरुण जेटली को श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं.
इससे पहले उनका पार्थिव शरीर आवास पर रखा गया था जहां आज सुबह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, आरएलडी नेता अजित सिंह, आंध्र के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू पहुंचे और श्रद्धांजलि दी.
दोपहर 2:30 बजे अरुण जेटली अंतिम संस्कार होगा.शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत पक्ष-विपक्ष के तमाम नेता उनको श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. यहां चर्चा कर दें कि सांस लेने में तकलीफ के बाद नौ अगस्त को उन्हें एम्स में भर्ती किया गया था. भाजपा के कद्दावर नेता के निधन से राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौर गयी. राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित विभिन्न पार्टियों के बड़े नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया. उनका निधन ऐसे वक्त में हुआ है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे पर हैं. उन्होंने यूएइ से ही जेटली की पत्नी संगीता और बेटे रोहन से बात की और उन्हें सांत्वना दी. दोनों ने प्रधानमंत्री से अपनी विदेश यात्रा रद्द नहीं करने का अनुरोध किया.