नेवी के अधिकारी प्रशिक्षुओं ने अपने पहले ट्रेनिंग स्क्वॉड्रन के जहाज पर प्रशिक्षण पूरा होने के बाद 5 दिसंबर, 2020 को एक संक्षिप्त मगर प्रेरक समारोह में 98वां एकीकृत अधिकारी प्रशिक्षु कोर्स पास कर लिया। कोविड-19 के कारण लगे प्रतिबंधों की वजह से इसका समय कम कर दिया गया था। जहाज पर आयोजित पासिंग आउट डिविजन्स के दौरान वीएसएम, एनएम, दक्षिणी नौसेना कमान के चीफ स्टाफ ऑफिसर (प्रशिक्षण) रियर एडमिरल एंटनी जॉर्ज ने मेधावी अधिकारी प्रशिक्षुओं को ट्रॉफी प्रदान की। इस कोर्स में 132 अधिकारी प्रशिक्षु थे जिनमें से 114 नौसेना, 13 तटरक्षक और 05 विदेशी प्रशिक्षु (02 म्यांमार और 1-1 मालदीव, सेशेल्स और तंजानिया) थे। कोची में हो रहे पहले ट्रेनिंग स्क्वॉड्रन में भारतीय नौसेना के जहाज तिर, मगर, शर्दुल, सुजाता, भारतीय तटरक्षक जहाज सारथी और सेल प्रशिक्षण जहाज तारंगिणी और सुदर्शिनी शामिल रहे।
प्रतिष्ठित चीफ ऑफ नवल स्टाफ ट्रॉफी और बेस्ट ऑल राउंड सी ट्रेनी के लिए टेलिस्कोप का सम्मान सब लेफ्टिनेंट सुशील सिंह को दिया गया। चीफ ऑफ नवल स्टाफ ट्रॉफी और मेरिट के ओवरऑल ऑर्डर में प्रथम स्थान के लिए बाइनोक्युलर्स का सम्मान सब लेफ्टिनेंट अभिषेक इंगल को दिया गया। असिस्टेंट कमांडेंट सोनमेल सूरज कृषंत ने सर्वश्रेष्ठ समुद्र तटरक्ष के लिए डीजी आईसीजी ट्रॉफी प्राप्त की और सब लेफ्टिनेंट केशव सत्यम कट्टी को कोर्स के दौरान प्रफेशनल विषयों में अधिकतम उन्नति के लिए एफओसी-आईएन-सी ईस्ट रोलिंग ट्रॉफी प्रदान की गई। सब लेफ्टिनेंट देबसाशीष सिंह देव को प्रफेशनल विषयों में सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन के साथ खेल और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में अच्छे प्रदर्शन के लिए फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ साउथ रोलिंग ट्रॉफी प्रदान की गई।
24 हफ्तों का यह समुद्री प्रशिक्षण 29 जून, 2020 को शुरू हुआ था। ट्रेनिंग के इस चरण में प्रशिक्षुओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ नाविक कला, नौवहन, जहाज चलाना, निगरानी अधिकारी/दिन की ड्यूटी का अधिकारी और तकनीकी पहलुओं के बारे में बताया गया। प्रशिक्षुओं के ऑनबोर्ड जहाज पर संतुलन बनाए रखने और बीमार ना महसूस करने (सी लेग्स) के लिए, यह गहन समुद्री प्रशिक्षण उन्हें प्रशिक्षण के लिए सहायक वातावरण में समुद्री में कठिन जीवन से रूबरू करवाता है, जिससे यह युवा अधिकारी युद्ध और युद्ध जैसे हालात में प्रभावी रूप से काम करने के लिए तैयार होते हैं। इन समुद्री प्रशिक्षुओं ने 61 दिन समुद्र में बिताए और मलक्का तथा सिंगापुर के जलडमरूमध्य समेत भारत के विभिन्न पूर्वी व पश्चिमी बंदरगाहों पर गए। प्रशिक्षुओं को सेल प्रशिक्षण जहाज आईएनएस तरंगिणी और सुदर्शिनी पर सेल ट्रेनिंग का अनुभव भी दिलाया गया।