नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री श्री राम विलास पासवान ने दालों की आपूर्ति पर दाल आयातकों, संबंधित मंत्रालयों और प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कल शाम एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की।
एक महीने से अधिक समय से सभी दालों की कीमतों में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। दाल के विभिन्न संघों के प्रतिनिधियों की मौन सहमति इस बात पर थी कि पिछले वर्ष दाल के दामों में अभूतपूर्व वृद्धि जमाखोरी और अटकलों के कारण थी। दालों का उत्पादन और आयात सितंबर माह में पिछले वर्ष और इस वर्ष भी लगभग समान है।
श्री पासवान ने कहा कि देश में दालों की मांग और आपूर्ति में शुद्ध घाटा को देखते हुए दाल के आयातकों को अपने अभियान में और अधिक पारदर्शिता लाना चाहिए। सरकार और व्यापारियों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है, जिससे कि व्यापारियों को दालों की आपूर्ति में वास्तविक अंतर का पता चल सके, जिससे व्यापारी को समय से पूर्व आयात योजना बनाने में मदद मिल सके।
आईजीपीए के प्रतिनिधियों ने सरकार को आयात संबंधित डाटा उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया। सरकार और व्यापारियों के बीच मासिक स्तर पर बैठक करने का भी निर्णय लिया गया।
श्री राम विलास पासवान ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार की भूमिका एक सुविधाप्रदाता की है। उन्होंने व्यापारियों को बताया कि आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार ने अन्य देशों के साथ जी2जी अनुबंध किया है। इस प्रकार का एक अनुबंध हाल ही में भारत और मोजांबिक के बीच हुआ है। वास्तव में सरकार के इस कदम से निजी व्यापारियों के लिए विदेशी धरती पर व्यापार को बढ़ाने का रास्ता खुला है। व्यापारियों से जी2जी समझौते को सफल बनाने के लिए पूरा समर्थन देने का आग्रह किया गया। दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया जैसे अफ्रीकन देश जी2जी समझौते में शामिल होने की इच्छा जता चुके हैं।
व्यापारियों ने कृषि मंत्रालय का उत्पादन अनुमान और व्यापारियों का उत्पादन अनुमान के आदान-प्रदान की आवश्यकता की बात कही, जिसका तुलनात्मक अध्ययन करके सही आंकड़े प्राप्त किये जा सकें।
9 comments