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सोमावार से खुलेंगे पट, सोमनाथ, द्वारिकाधीश और अंबाजी में मिलेगी एंट्री

देश-विदेश

लॉकडाउन के करीब 2 महीने बाद 8 जून से गुजरात के तीन विश्वप्रसिद्ध मंदिरों में श्रद्धालु एक बार फिर दर्शन कर पाएंगे. हालांकि, कोरोना की इस मुश्किल घड़ी में दर्शन के लिए कई सावधानी और नियमों को मानना पड़ेगा. यहां दर्शन के लिए आने वाले लोग कोरोना से संक्रमित न हों, इसलिए मंदिरों की ओर से अलग-अलग तरह के नियम और व्यवस्था बनाई गई है. सोमनाथ में पहली बार ऐसा होगा कि भक्त यहां पर प्रथम ज्योतिर्लिंग शिव के दर्शन तो कर पाएंगे, लेकिन वे शिवलिंग पर बेलपत्र नहीं चढ़ा पाएंगे.

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है. स्वामी नारायण संस्था का बीएपीएस मंदिर यानी अक्षरधाम मंदिर 17 जून से श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा.

सोमनाथ मंदिर

सोमनाथ मंदिर में भक्तों को सोशल डिस्टेंसिंग अपनाते हुए दर्शन करने होंगे. लाइन में मंदिर के बाहर से अंदर जाने के लिए गोले बनाए गए हैं, मंदिर में प्रवेश से पूर्व श्रद्धालुओं को इन्हीं गोलों में दर्शन के लिए खड़ा रहना होगा. मंदिर के अंदर जाने वाले श्रद्धालुओं की थर्मल स्कैनिंग के साथ सैनिटाइजेशन भी किया जाएगा. मंदिर में आरती के दौरान किसी भी भक्त को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. भक्त महादेव को पसंद बेलपत्र और फूल नहीं चढ़ा पाएंगे. वहीं प्रसाद में भी लड्डू की जगह चिक्की ही मिलेगा.

शक्तिपीठ अंबाजी

शक्तिपीठ अंबाजी में भी श्रद्धालुओं को 7.30 बजे से सिर्फ एक ही गेट यानी शक्ति द्वार से प्रवेश दिया जाएगा. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद में मोहनथाल दिया जाता था. वो अब नहीं दिया जाएगा. साथ ही यहां आने वाले भक्तों को आरती के दौरान मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. मंदिर में एक वक्त में सिर्फ 20 श्रद्धालु ही दर्शन कर पाएंगे. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अपने जूते, बेल्ट, पर्सनल सामान सब कुछ लगेज रूम में ही छोड़ना होगा. भक्तों को स्कैनिंग के बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा.

द्वारिकाधीश मंदिर

द्वारिकाधीश मंदिर में भी आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर में सुबह 5 बजे के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा. आरती में किसी भी को आने की इजाजत नहीं होगी. मंदिर में प्रवेश और निकास दोनों अलग-अलग दरवाजे से होगा. प्रवेश के वक्त भक्तों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी. हैंड सैनिटाइजर के साथ यहां मंदिर में प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं को मास्क पहनना जरूरी रहेगा. मंदिर के बाहर मिलने वाला प्रसाद और तुलसी की माला मंदिर मंडल के जरिए निर्धारित जगह पर ही श्रद्धालुओं को छोड़ देनी होगी. उसे मंदिर में ले जाने और भगवान को चढ़ाने की अनुमति नहीं होगी. मंदिर रात को 9 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक बंद रहेगा. साथ ही आरती के वक्त भी ज्यादा लोगों को मंदिर में प्रवेश की अनुमती नहीं होगी. आज तक

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