किसी भी विवाहित स्त्री के लिए मांग में सिंदूर लगाना अनिवार्य परंपरा मानी गई है. अधिकतर महिलाएं इस परंपरा का पालन भी करती हैं. सिंदूर को सुहाग की निशानी माना जाता है. ये एक संकेत भी है, जिससे ये मालूम हो जाता है कि महिला विवाहित है. यहां जानें सिंदूर से जुड़ी पुरानी मान्यताओं के बारे में.
1. मांग में सिंदूर लगाने से महिला को बुरी नजर नहीं लगती है.
2. मान्यता है कि पत्नी अगर सिर एक बीच में सिंदूर लगाती है तो उसके पति को भाग्य का साथ मिलता है और वैवाहिक जीवन सुखी रहता है.
3. अगर पति अपनी पत्नी की मांग में रोज सिंदूर लगाता है तो इससे दोनों के बीच प्रेम बढ़ता है.
4. ऐसा माना जाता है कि मांग में सिंदूर छिपाना नहीं चाहिए. सिंदूर ऐसे लगाना चाहिए, जिससे ये सभी को दिखता रहे. अगर पत्नी मांग में सिंदूर छिपाकर लगाती है तो ये वैवाहिक जीवन के लिए शुभ नहीं होता है. इसलिए कहा जाता है कि सिंदूर ऐसे लगाएं कि सभी को दिखता रहे.
5. सिंदूर सिर किनारे पर नहीं लगाना चाहिए. ये अशुभ माना जाता है. ऐसा लंबे समय तक करते रहने पर पति से दूरियां बढ़ सकती हैं.
सिंदूर से जुड़े वैज्ञानिक कारण
सिंदूर लगाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है. ये स्वास्थ्य से जुड़ा है. सिर के जिस स्थान पर मांग भरी जाती है, वहां मस्तिष्क की एक महत्वपूर्ण ग्रंथी होती है. इसे ब्रह्मरंध्र कहते हैं.
ये ग्रंथी बहुत संवेदनशील होती है. सिंदूर में पारा धातु होती है. पारा ब्रह्मरंध्र के लिए औषधि का काम करता है और नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है. सिंदूर में मिला हुआ पारा महिलाओं को तनाव से दूर रखता है. चिंता, अनिद्रा की स्थितियों से बचाता है.