लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में गन्ना मंत्री श्री सुरेश राणा के निर्देश पर गन्ना आयुक्त ने किसानों के गन्ना मूल्य भुगतान को प्राथमिकता पर रखते हुए भुगतान में लापरवाही करने वाली चीनी मिलों के विरूद्व एफ.आई.आर. एवं वसूली प्रमाण-पत्र की कार्रवाइयों में तेजी केलिये विभागीय अधिकरियों को निर्देश दिये है।
प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी श्री संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा बताया गया कि 19 दिसम्बर तक पेराई सत्र 2017-2018 का 93.66 प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान हो चुका है तथा अवशेष भुगतान के लिये विभागीय अधिकारियों द्वारा लगातार चीनी मिलों पर दबाव बनाया जा रहा है जिसके तहत भुगतान में लापरवाही बरतने वाली चीनी मिलों के विरूद्व नियमानुसार दण्डात्मक कार्रवाई करते हुये सर्वाधिक बकाएदार 09 चीनी मिलों मलकपुर, वाल्टरगंज, मोदीनगर, बिसौली, बृजनाथपुर, गागलहेड़ी, बुलन्दशहर, चिलवरिया एवं गडौरा के विरूद्ध वसूली प्रमाण-पत्र जारी किया गया है।
गन्ना आयुक्त द्वारा यह भी बताया गया है कि मलकपुर, वाल्टरगंज, बिसौली, बृजनाथपुर, गागलहेड़ी, बुलन्दशहर एवं गडौरा चीनी मिलों के अध्यासियों के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा-3/7 के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज कराकर विधिक कार्यवाही कराने के निर्देश दे दिये गये है। इसके अतिरिक्त पेराई सत्र 2017-18 के अन्तर्गत घटतौली तथा अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान के संबंध में विभाग द्वारा चीनी मिल मलकपुर एवं मोदीनगर (मोदी समूह), बृजनाथपुर एवं सिंभावली (सिंभावली समूह) के विरूद्ध पूर्व में भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
यह भी उल्लेखनीय है कि प्रदेश की कुल 86 चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2017-18 का शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है, जिसमें निजी क्षेत्र की 61 तथा निगम एवं सहकारी क्षेत्र की समस्त 25 मिलें शामिल है। गन्ना मूल्य भुगतान कराया जाना सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है तथा किसानों को समय से भुगतान सुनिश्चित कराने हेतु कृत संकल्प है।