देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने निर्देश दिए हैं कि गन्ना किसानों के भुगतान की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। प्रदेश की निजी चीनी मिलें आगामी 30 जून तक गन्ना किसानों के अवशेष मूल्य के कम से कम 50 प्रतिशत का भुगतान सुनिश्चित कर लें। डोईवाला, बाजपुर, नादेई व किच्छा चीनी मिलों के आधुनिकीकरण व विद्युत सह उत्पादन की कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए। चीनी मिलों के क्षेत्र का स्पष्ट निर्धारण कर दिया जाएं। जो निजी चीनी मिलें आधुनिकीकरण के लिए आगे आती हैं, उनके बैंक ऋण पर राज्य सरकार गारंटी देगी।
मुख्यमंत्री हरीश रावत गुरूवार को बीजापुर में एक बैठक में गन्ना किसानों के बकाया भुगतान व चीनी मिलों के आधुनिकीकरण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि निजी चीनी मिलें यह सुनिश्चित कर लें कि उनके द्वारा 30 जून 2015 तक अवशेष मूल्य के कम से कम 50 प्रतिशत के भुगतान का काम विशेष प्राथमिकता के साथ कर दिया जाए। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा गन्ना किसानों के भुगतान हेतु सम्पूर्ण देश के लिए 6 हजार करोड़ रूपए का पैकेज स्वीकृत किया गया है। परंतु उक्त पैकेज की एक शर्त यह है कि इसका लाभ उन्हीं चीनी मिलों को मिलेगा जिनके द्वारा अपने अवशेष गन्ना मूल्य का 50 फीसदी भुगतान 30 जून 2015 तक कर दिया जाएगा। सचिव गन्ना विकास, विनोद शर्मा द्वारा यह बताए जाने पर कि उत्तम व इकबालपुर चीनी मिलों ने अभी तक केवल 22 प्रतिशत भुगतान ही किया है, मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि 30 जून तक अवशेष मूल्य का 50 प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित कर लिया जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि चीनी मिलों की स्थिति में सुधार के लिए इनका आधुनिकीकरण बहुत जरूरी है। डोईवाला, बाजपुर, नादेई व किच्छा के आधुनिककरण की योजना प्रस्तुत की जाए। साथ ही इनमें विद्युत सह उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के काम में तेजी लाई जाए। सचिव गन्ना विकास श्री शर्मा ने बताया कि बाजपुर व नादेई के आधुनिकीकरण के प्रस्ताव स्वीकृति के लिए प्रेषित कर दिए गए हैं जबकि डोईवाला व किच्छा में प्रथम चरण के तहत डबल रिफाइन्ड शुगर उत्पादन के संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव एक सप्ताह में प्रस्तुत कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने गन्ना की आधुनिक प्रजातियों के उपयोग पर बल देते हुए कहा कि गन्ना की उत्पदकता में बढ़ोतरी के लिए गन्ने के अधिक गुणवता वाले बीजों का उपयोग आवश्यक है। चीनी मिलों के क्षेत्रों का निर्धारण जल्द कर दिया जाए ताकि चीनी मिलें अपने क्षेत्र में आधुनिक बीजों का उपयोग कर सकें। आधुनिक तकनीक से गन्ने की उच्च उत्पादकता की प्रजातियों का विकास किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के समस्त चीनी मिलों में चल रहे मरम्मतीय काम (Repair and maintennace) में उच्च गुणवता सुनिश्चित की जाए ताकि पिराई सत्र के दौरान किसी प्रकार की कोई स्टोपेज की स्थिति ना आए। राज्य की सभी चीनी मिलों में समय से प्रदूषण नियंत्रण संयंत्र स्थापित कर लिए जाएं ताकि क्षेत्र में धूंए व जल प्रदूषण की समस्या ना हो। बैठक में मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार रणजीत रावत भी उपस्थित थे।