18.2 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

कृषक महोत्सव में किसानों को सम्मानित करते हुएः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड
देहरादून: टीडीसी द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में बीज उत्पादन प्रोत्साहन की योजना प्रस्तुत करने पर राज्य सरकार कार्यशील पूंजी के लिए साॅफ्टलोन उपलब्ध करवाएगी। कृषि व उद्यान विभाग कुछ फसलों को चिन्हित कर अग्रिम अनुदान योजना प्रारम्भ करे जिसमें कि किसानों को फसलों के बोने से पहले ही कुछ राशि अग्रिम अनुदान के रूप में उपलब्ध करवाई जाए।

शिमला बाईपास पर  आयोजित कृषक महोत्सव खरीफ 2015 में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि एक वर्ष में प्रदेश में 600 हेक्टेयर में चाय बागान विकसित किए जाएंगे। पावर ट्रिलर आदि कृषि उपकरणों में यदि विभाग को वेट हटाए जाने की आवश्यकता महसूस होती है तो प्रस्ताव भेजने पर सरकार विचार करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 9 प्रतिशत भाग ऐसा है जिस पर न तो वन हैं और न ही खेती होती है। इस भाग को उत्पादक भाग के रूप में बदलना है। माल्टा, नींबू व आंवला के पेड़ पर 300 रूपए प्रति वृक्ष जबकि अखरोट पर 400 रूपए प्रति वृक्ष की प्रोत्साहन राशि की योजना प्रारम्भ की गई है। इसके तहत अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जाए। मंडुवा, चैलाय व फाफर के लिए अलग से उत्पादन, संवर्धन व विपणन बोर्ड बनाया जाए। मंडुवा, चैलाय व फाफर के उत्पादन पर बोनस राशि देने के लिए प्रमुख सचिव कृषि योजना बनाकर केबिनेट में प्रस्तुत करें। यह जानकारी दिए जाने पर कि 50 प्रतिशत काश्तकारेां के साॅयल हेल्थ कार्ड बना दिए गए हैं, मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस काम में और भी अधिक तेजी लाई जाए। हर किसान के पास साॅयल हेल्थ कार्ड होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय हमारे किसान भाई परेशान हैं। प्रकृति के कारण किसानों को जो नुकसान हुआ है, उसकी पूरी तरह से भरपाई नहीं की जा सकती है। फिर भी राज्य सरकार किसानों के साथ सदैव खड़ी है। कृषि व उद्यान विभागों को 200 करोड़ रूपए निर्गत किए गए हैं ताकि प्रभावित काश्तकारों को नुकसान की भरपाई की जा सके। न्यूनतम मुआवजे को बढ़ाकर 1500 रूपए किया गया है जो कि देश में सर्वाधिक है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अगली फसल के बीज किसानों को समय से उपलब्घ करवाना सुनिश्चित किया जाए। मिनी किट का वितरण निशुल्क किया जा रहा है। बची हुई बागवानी को सुरक्षित करने के लिए कीटनाशकों का राज्य सरकार की ओर से छिड़काव किया जाएगा। हल्दी व अदरक के बीजों पर 70 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान हिम्मत बनाए रखें। राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। कृषि यंत्रीकरण पर उŸाराखण्ड में सर्वाधिक अनुदान दिया जा रहा है। किसान, समूह बनाकर कृषि यंत्रों का प्रयोग करें। सहकारी बैंकों के माध्यम से गैप-मनी उपलब्ध करवाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने जैविक बागवानी के लिए दो जिले चिन्हित करने के निर्देश दिए। वैज्ञानिक तरीके से खेती कर अपनी आय बढ़ाने वाले किसानों की सूची तैयार की जाए। उन्हें सरकार की ओर से सम्मानित किया जाए और कृषि महोत्सवों, संगोष्ठियों में आमंत्रित कर अपने विचार व सुझाव रखने के लिए पे्ररित किया जाए। कृषि व बागवानी विभाग बीज ब्लाॅक के रूप में कुछ ब्लाॅक विकसित करें। प्रति वर्ष 5 से 10 प्रतिशत किसानों को बीज उत्पादक किसान के रूप में परिवर्तीत करें। बीज बदल को अभियान के तौर पर चलाया जाए। किसान बहुआयामी बनें। कृषि के साथ ही अन्य सहायक गतिविधियों जैसे कि डेयरी, सब्जी उत्पादन आदि को भी अपनाएं। दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए दुग्ध सहकारी समितियों को 4 रूपए जबकि महिला दुग्ध सहकारी समितियों को 6 रूपए प्रति लीटर का बोनस दिया जा रहा है। रेशम में कुछ कार्य होता दिख रहा है। गढ़वाल व कुमायूं में लेमन ग्रास आदि सुगन्धित पौधों के 6-6 क्लस्टर बनाए जाएं।
कृषि मंत्री डा.हरक सिंह रावत ने कहा कि कृषि महोत्सवों से जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाए। इस समय किसानों को सहयोग व सहारे की जरूरत है। सरकार द्वारा किसानों के लिए अनेक योजनाएं प्रारम्भ की गई हैं। किसान भाई अधिक से अधिक इनका लाभ उठाएं। प्रदेश के प्रत्येक न्याय पंचायत में कृषि महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। कृषि प्रदेश की आर्थिकी के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इसके लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कृषि रथों को औपचारिक रूप से हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। कुछ किसानों को ‘‘किसान श्री’’ व ‘‘किसान भूषण’’ से सम्मानित किया गया जबकि कुछ किसान समूहों को कृषि यंत्र भी प्रदान किए गए। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष चमन सिंह सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, विभागीय अधिकारी व बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More