नई दिल्ली: केन्द्रीय सड़क परिवहन तथा राजमार्ग, जहाजरानी तथा रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) मौन क्रांति है। उन्होंने एक बयान में कहा कि सामान्य जन के जीवन पर रियायती कीमत पर अच्छी दवाओं को प्रदान करने के सरकार के प्रयास का प्रभाव दिख रहा है। यह एक क्रांति है, जो सामान्य नागरिक के लिए स्वास्थ्य सेवा को आकार दे रही है।
श्री मंडाविया ने बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 (अक्टूबर, 2018 तक) जनऔषधि दवाओं की कुल बिक्री 150 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। इससे सामान्य जन के लिए 600 करोड़ रुपये की बचत हुई है क्योंकि ब्रांडशुदा दवाओं के औसत बाजार मूल्य की तुलना में यह दवाएं 50 से 90 प्रतिशत सस्ती हैं। उन्होंने पीएमबीजेपी दवाओं को अच्छा बताते हुए कहा कि यह दवाएं डब्ल्यूएचओ-जीएमपी प्रमाणित निर्माताओं से खरीदी गई है और प्रत्येक बैच का परीक्षण मान्यताप्राप्त स्वतंत्र प्रयोगशाला एनएबीएल में किया जाता है।
उन्होंने बताया कि 640 जिलों में जनऔषधि स्टोरों की संख्या 4300 से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि यह योजना सतत और नियमित आय के साथ स्वरोजगार का मूल्यावान स्रोत प्रदान कर रही है। भारत के सार्वजनिक क्षेत्र की दवा कम्पनियों के ब्यूरो बीपीपीआई के सर्वेक्षण के अनुसार प्रति स्टोर औसत मासिक बिक्री 1.50 लाख रुपये हो गई है।
श्री मंडाविया ने कहा कि 2018-19 के अंत तक देश में जनऔषधि स्टोरों की संख्या 300 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री के साथ 5,000 हो जाएगी।