लखनऊः उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री सतीश महाना ने कहा कि पं0 दीन दयाल खादी विपणन विकास सहायता योजना के तहत छूट की धनराशि को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जायेगा। इससे कत्तिन बुनकरों को अधिक से अधिक उत्पादन करने हेतु प्रोत्साहन मिलेगा और उनकी आय में भी वृद्धि होगी। खादी एवं ग्रामोद्योग रोजगार का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने विभाग के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को टीम वर्क की भावना के साथ कार्य करने की सख्त हिदायत दी है।
श्री महाना आज खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड कार्यालय में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में सभी जिलों के परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी, प्रबंधक, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि सरकार खादी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है। क्षेत्रीय अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में खादी योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़े। मशीनीकरण एवं तीव्र आधुनिकीकरण के कारण आज खादी पीछे रह गयी है। खादी को उसका गौरव पुनः वापस दिलाने के लिए सभी अधिकारियांे को विभाग के साथ संवेदनशीलता से जुड़ना होगा। उन्होंने कहा कि विभागीय कार्यों में किसी भी प्रकार की उदासीनता या लापरवाही न बरती जाये।
खादी मंत्री ने कहा कि उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा प्रथम बार प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षारत बालक/बालिकाओं हेतु खादी यूनिफार्म वितरण का निर्णय लिया गया है। प्रथम चरण में सीतापुर, लखनऊ, मिर्जापुर के एक-एक विकास खण्ड के साथ-साथ जनपद बहराइच के 03 विकास खण्डों में ड्रेस की आपूर्ति की जा रही है। इस माध्यम से शिथिल/मृत संस्थाओं को पुनर्जीवित करते हुए रोजगार के नये अवसर सृजित किये गये हैं।
खादी मंत्री ने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग इकाइयों के उत्पादों का समुचित मूल्य उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से ऑनलाइन विपणन का विस्तार एवं विपणन के अन्य माध्यमों पर विशेष बल दिया जाये। विपणन योजना के अन्तर्गत जनपद मुज्जफरनगर एवं लखनऊ में खादी प्लाजा का निर्माण कराते हुए प्रदेश के उत्कृष्ट खादी उत्पादों को एक ही स्थल पर जन सामान्य के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित ग्रामोद्योगी इकाइयों के उत्पादों को बड़ी संस्थाओं के साथ समन्वय कराने के लिए ग्रामीण उद्योग बन्धु की स्थापना की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि खादी संस्थाओं को ऋण मुक्त कराने के लिए ऐसी कार्ययोजना तैयार की जाये, जिससे संस्थाएं आर्थिक रूप से सृदृढ़ हो सकें और अवस्थापना सुविधाओं को मजबूती मिल सके।
प्रमुख सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग, नवनीत सहगल ने बताया कि पिछले वर्ष शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित की गई है। सी0बी0सी0 ऋण योजनान्तर्गत पूर्व में वितरित ऋणों पर दण्ड ब्याज माफी का प्राविधान कराते हुए कुल 128 लाभार्थियों का 4,19,79,935 रुपये का दण्ड ब्याज माफ किया गया। इस वर्ष साधारण ब्याज को माफ करने की योजना बनाई जा रही है। बिक्री आधारित छूट को समाप्त करके, उत्पादान आधारित छूट देने से लगभग 30 हजार कत्तिन एवं बुनकरों को लाभ मिला है। उन्होंने बताया 404 लाभार्थियों को विद्युत चालित कुम्हारी चाक का वितरण कराया गया। 50 लाभार्थियों को दोना पत्तल मशीन दी गई। 490 लोगों को सोलर चर्खे देकर उनका रोजगार बढ़ाने में मदद की गई।
डा0 सहगल ने बताया कि अतिपिछडे़ क्षेत्रों में सोलर पावर के माध्यम से विद्युत ऊर्जा उपलब्ध कराते हुए ग्रामोद्योगों की स्थापना करायी जायेगी। सोलर पावर की उपलब्धता हेतु यू0एन0ई0पी0 एवं उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के मध्य एम0ओ0यू0 किया गया। पं0 दीनदयाल विपणन विकास सहायता योजना के अन्तर्गत 60 संस्थाओं को तथा संस्थाओं से सम्बद्ध 29684 कत्तिन/बुनकरों को धनराशि रू0 431.00 लाख का वितरण किया गया। विपणन विकास योजना के अन्तर्गत अमेजन के माध्यम से 60 खादी एवं ग्रामोद्योगी इकाइयों के उत्पादों को ऑनलाइन बिक्री की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। प्रदेश में 18 प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया, जिसमें धनराशि रू0 568.00 लाख की बिक्री की गयी।