18 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

मंत्रालय द्वारा जन केंद्रित कार्यक्रम चलाने और निवेश से देश के सामाजिक, आर्थिक विकास को बड़ा प्रोत्‍साहन: मनोज सिन्‍हा

देश-विदेशप्रौद्योगिकी

नई दिल्लीः संचार और राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्‍हा ने कहा है कि संचार मंत्रालय ने स्‍वयं को भारत सरकार के सहायक इकाई के रूप में स्‍थापित किया है और ‘साफ नीयत सही विकास’ की भावना से मजबूत डिजीटल संपर्क तथा नागरिक केंद्रित सेवाएं देकर पिछले चार वर्षों के दौरान देश के सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रेरित किया है।

श्री मनोज सिन्‍हा आज यहां केंद्र सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। संचार मंत्री द्वारा पिछले चार वर्षों के दौरान मंत्रालयों की उपलब्धियां बताए जाने के समय मंच पर दूरसंचार विभाग की सचिव श्रीमती अरूणा सुदंरराजन तथा डाक विभाग के सचिव श्री अनंत नारायण नंदा मौजूद थे।

श्री मनोज सिन्‍हा ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में स्‍पेक्‍ट्रम की पारदर्शी नीलामी तथा व्‍यापक स्‍तर पर भारत नेट जैसी डिजीटल संरचनाएं परियोजनाएं चलाकर तथा देश में डिजीटल खाई को पाटकर अविश्‍वास की भावना को दूर हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि करना है। उन्‍होंने कहा कि डाक विभाग में हमने विभाग के व्‍यवसाय को नया स्‍वरूप दिया है जिसमें वित्‍तीय समावेश, नागरिक केंद्रित सेवाएं और अपने संचालन को नया ढांचा देने पर बल दिया गया है।

पिछले चार वर्षों में दूरसंचार क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं:

  • देश में दूरसंचार बुनियादी ढांचे और सेवाओं पर सरकारी खर्च में छः गुना वृद्धि-2009-14 के बीच 9,900 करोड़ रुपये से 2014-19 के बीच 60,000 करोड़ (वास्तविक + योजनागत)।
  • कुल टेली-घनत्व में 75% से 93% की वृद्धि
  • इंटरनेट कवरेज में 75% से अधिक की वृद्धि-251 मिलियन यूजर से 446 मिलियन यूजर हुए।
  • मोबाइल बेस ट्रांससीवर स्टेशनों (बीटीएस) की संख्या दोगुनी से अधिक हुई – 7.9 लाख से लगभग 18 लाख।
  • देशव्यापी ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) कवरेज दोगुना हुआ – 7 लाख किमी से 14 लाख किमी।
  • देश भर के उपभोक्ताओं को टैरिफ कटौती से लाभ मिला  – औसत आवाज टैरिफ में 67% की गिरावट आई और औसत डेटा टैरिफ में 93% की गिरावट।
  • ब्रॉडबैंड पहुंच में सात गुना वृद्धि – 61 मिलियन से 412 मिलियन ग्राहक हुए।
  • दूरसंचार क्षेत्र में एफडीआई प्रवाह में पांच गुना बढ़ोतरी – 2015-16 में 1.3 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 2017-18 में 6.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (दिसंबर 2017 तक)।

प्रधानमंत्री का सबका साथ, सबका विकास का नारा भारत नेट जैसी ग्रामीण डिजीटल संरचना परियोजनाओं के साथ-साथ पूर्वोत्‍तर क्षेत्र, चरमपंथ (एलडब्‍ल्‍यूई) प्रभावित क्षेत्र, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप के लिए बनी परियोजनाओं के माध्‍यम से संपर्क रहित लोगों से संपर्क करने में दूरसंचार विभाग के प्रयास में दिखता है।

संचार मंत्री ने कहा कि विभाग ने टेक्‍नॉलोजी प्रेरित क्षेत्र में विश्‍व स्‍तर पर देश को अग्रिम श्रेणी में पहुंचाने के लिए अनेक अति सक्रिय कदम उठाए। हम 3 जी और 4 जी का मौका गंवा चूके, लेकिन 5 जी का अवसर नहीं गंवा सकते। नागरिकों के कल्‍याण के लिए नई टेक्‍नॉलोजी का लाभ उठाने के लिए सक्रिय नियोजन और निवेश प्रारंभ किए गए है। 5 जी इंडिया के लिए एक उच्‍चस्‍तरीय फोरम (एचएलएफ) स्‍थापित किया गया है, बजटीय सहायता से 5 जी टेस्‍ट बेड स्‍थापित किया जा रहा है प्रगतिशील और दूरदर्शी प्रारूप राष्‍ट्रीय डिजीटल दूरसंचार नीति (एनडीसीपी) 2018 सार्वजनिक कर दी गई है और अगले कुछ वर्षों के लिए लक्ष्‍य निर्धारित कर दिए गए हैं।

इन चार वर्षों में डाक विभाग ने परिवर्तनकारी कदम उठाए हैं जिनका उद्देश्‍य देश में डाकघरों का चेहरा बदल देना है। ठहरे हुए व्‍यवसाय से विभाग ने आगे बढ़ते हुए सफलतापूर्वक नागरिक केंद्रित सेवाएं लॉंच की है, जिनका लाभ देश व्‍यापी पहुंच और लोगों विशेषकर गैर मेट्रो क्षेत्र के लोगों, के विश्‍वास से मिलेगा।

पिछले चार वर्षों में डाक विभाग की उपलब्धियों का सारांश:

  • औसत वार्षिक स्पीड पोस्ट राजस्व दोगुनी से अधिक – 2006-14 के बीच 788 करोड़ रुपये से बढ़कर 2014-18 के बीच 1682 करोड़ रुपये हुआ
  • ई-कॉमर्स व्यवसाय से 2017-18 में राजस्व 415 करोड़ रुपये, पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 20% से अधिक की वृद्धि के साथ।
  • इस बढ़ते व्यापार भाग पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक अलग पार्सल निदेशालय की स्थापना की गई।
  • इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) लॉन्च करने के लिए जिला मुख्यालय डाकघरों में सह-स्थित 650 शाखाओं के साथ तैयारी, जिसमें बिना बैंकिंग और अंडर बैंकिंग के लाभ के लिए कई चैनलों में 360 डिग्री वित्तीय सेवा की पेशकश।
  • डाक विभाग के 995 एटीएम दिसंबर 2016 से अन्य बैंकों के साथ अंतर-संचालित हैं; इन एटीएम पर 1.85 करोड़ रूपये के लेनदेन हुए।
  • डाकघरों में 1.18 करोड़ सुकन्‍या समृद्धि खाते खोले गए, 1.30 करोड़ खाते बैंकों में खोले गए।
  • देश भर में सिर्फ 7 महीनों में 13,150 से अधिक डाकघरों में आधार नामांकन और अद्यतन केन्‍द्र खोले गए। इन केन्‍द्रों में 7 लाख से अधिक नामांकन और अद्यतन करने का कार्य पूरा किया गया।
  • विदेश मंत्रालय के सहयोग से 213 डाकघर पासपोर्ट सेवा केन्‍द्र शुरू किए गए। इसका उद्देश्‍य नागरिकों को 50 किलोमीटर के दायरे में पासपोर्ट सुविधा उपलब्‍ध कराना है। इन केन्‍द्रों में 10 लाख पासपोर्ट नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी की गई।
  • डाक जीवन बीमा (पीएलआई) और ग्रामीण डाक जीवन बीमा (आरपीएल) पर विशेष ध्‍यान दिया गया। इसकी एक प्रमुख विशेषता है- निम्‍न अंशदान, उच्‍च प्राप्ति। ये दोनों बीमाएं डाक विभाग की उत्‍पाद हैं। इसका उद्देश्‍य देश में वित्‍तीय समावेश को प्रोत्‍साहित करना है।
  • डाक जीवन बीमा का लाभ अब सिर्फ सरकारी और अर्द्ध सरकारी कर्मियों तक ही सीमित नहीं रह गया है। यह सुविधा अब पेशेवरों (शिक्षक, वकील, इंजीनियर, डॉक्‍टर, लेखाधिकारी) तथा एनएसई और बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों में काम करने वालों के लिए भी उपलब्‍ध है।
  • संपूर्ण बीमा ग्राम योजना के तहत पूरे देश के 1244 गांवों के प्रत्‍येक परिवार के एक व्‍यक्ति को बीमा सुविधा उपलब्‍ध कराई जाती है। मार्च, 2019 तक 10,000 गांवों का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है। नवम्‍बर, 2017 में बच्‍चों के लिए दीनदयाल स्‍पर्श योजना की शुरूआत की गई। इसके अंतर्गत छात्रों को डाक टिकट संग्रह को पसंदीदा कार्य बनाने तथा डाक टिकटों पर शोध करने के लिए छात्रवृत्ति दी जाती है। प्रत्‍येक वर्ष 920 छात्रवृत्तियां उन बच्‍चों को दी जाती हैं, जो डाक टिकटों के प्रति रूचि दिखाते हैं।
  • ग्रामीण डाक सेवकों के वेतन और भत्‍तों में औसत 56 प्रतिशत की वृद्धि। इससे 2.60 लाख ग्रामीण डाक सेवकों व उनके परिजनों को लाभ मिलेगा।
  • विभाग में प्रौद्योगिकी निवेश दोगुना हुआ। निवेश 2010-14 के 434 करोड़ रुपये से बढ़कर 2014-18 में 1000 करोड़ हुआ।
  • डाकघरों में ग्रामीण डाक सेवक 62000 मोबाइल फोनों का इस्‍तेमाल कर रहे हैं, ताकि ग्रामीण आबादी को वित्‍तीय और डाक सेवाएं डिजिटल प्‍लेटफॉर्म पर उपलब्‍ध कराई जा सकें। इस सुविधा को 2018 के अंत तक 8.30 लाख डाकघरों में उपलब्‍ध कराने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है।
  • इन उपकरणों (मोबाइल आदि) के माध्‍यम से 3800 करोड़ रुपये मूल्‍य के 3 करोड़ से अधिक लेनदेन हुए।
  • पोस्‍टमैन मोबाइल एप के जरिए वास्‍तविक समय पर सेवा प्रदान करने की जानकारी उपलब्‍ध कराई जाती है।

श्री सिन्‍हा ने कहा कि दोनों ही विभाग तेजी से विकास कर रहे भारत के लाभों को देश के सुदूर हिस्‍सों में पहुंचाने के लिए उत्‍प्रेरक का कार्य कर रहे हैं। सरकार के प्रमुख कार्यक्रम- डिजिटल इंडिया और वित्‍तीय समावेश को बढ़ावा दिया जा रहा है। विकास के अंतिम सिरे पर खड़ा व्‍यक्ति हमें प्रेरणा प्रदान करता है। हम उनके जीवन में बदलाव लाना चाहते हैं। यह पंडित दीन दयाल उपाध्‍याय के विचार-अंत्‍योदय के अनुरूप है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More