लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री, डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने निर्देश दिये कि समस्याग्रस्त जनपदों में भूजल संरक्षण/संचयन के क्षेत्र में कार्य करने वाले विभागों द्वारा कराये जा रहे कार्यों में ताल-मेल बनाये जाने तथा भूगर्भ जल की गिरावट को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठायें जायें ताकि संकटग्रस्त क्षेत्र एक वर्ष के भीतर सुरक्षित श्रेेणी में पहुंच जाये। इसके साथ-साथ जनप्रतिनिधियों को भूजल संरक्षण के क्षेत्र में हो रहे कार्यों के बारे में अवगत कराते हुए इस कार्य में उनसे भी सहयोग प्राप्त किये जाने के निर्देश दिये।
जलशक्ति मंत्री, डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने गत दिवस अटल भूजल योजना की गहन समीक्षा विधानसभा सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में की, जिसमें उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से अब तक इस योजना के अन्तर्गत की गयी कार्यवाही की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रेन वाटर हार्वेेस्टिंग एवं जल संरक्षण/जल संचयन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे लोगों की सूची तैयार कर ली जाये एवं वीडियो काॅन्फ्रेन्सिग के माध्यम से बैठक करायी जाये ताकि समाज के ऐसे लोग जो इस क्षेत्र में निःस्वार्थ भाव से कार्य कर रहे हैं उनको भी इस अभियान से जोड़ा जा सके।
समीक्षा बैठक में निदेशक, भूगर्भ जल विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि अटल भूजल योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा किये गये निर्देशों के क्रम में प्रारम्भिक चरण का कार्य पूरा कराया जा चुका है एवं भारत सरकार से प्रेषित एम0ओ0ए0 जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है। इस एम0ओ0ए0 को शीघ्र हस्ताक्षरित करते हुए भारत सरकार को प्रेषित किये जाने के निर्देश जलशक्ति मंत्री ने दिये है।
बैठक में प्रमुख सचिव, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, श्री अनुराग श्रीवास्तव विशेष सचिव, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, श्री अन्नावी0 दिनेश कुमार, निदेशक भूगर्भ जल विभाग श्री वी0के0 उपाध्याय एवं विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।