नई दिल्ली: उप राष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि देश के लोगों को तेज गति के विकास के लिए सुशासन प्रक्रिया में अवश्य सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल कानून बना देने से समस्याओं का समाधान नहीं होगा और जोर देकर कहा कि कानूनों को राजनीतिक कौशल और प्रशासनिक इच्छा द्वारा समर्थित होना चाहिए।
उप राष्ट्रपति आज यहां विज्ञान भवन में प्रोफेसर एस. के. सतीश और डॉ. महाराज किशन भान (पद्मभूषण) को गुजर मल मोदी नवोन्मेषी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पुरस्कार, 2019 प्रदान करने के बाद श्री गुजर मल मोदी के 117 जयंती समारोह में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। श्री नायडू ने गुजरमल मोदी साइंस फाउंडेशन की वैज्ञानिकों और नवोन्मेषकों को प्रोत्साहित करने की पहल के लिए सराहना की और कहा कि युवा पीढ़ी को अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु हमें उत्कृष्टता को सम्मानित करने की सदियों पुरानी भारतीय परंपरा को अवश्य संरक्षित करना चाहिए।
श्री नायडू ने गरीबी, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, रोगों, अलाभदायक कृषि एवं कम दक्षता वाली औद्योगिक प्रक्रियाओं जैसी बड़ी चुनौतियों के लिए नमोन्मेषी और लीक से हटकर समाधानों की अपील की।
उप राष्ट्रपति ने नवोन्मेषण की संस्कृति की अपील करते हुए कहा कि समावेशी एवं सतत विकास के मार्ग पर भारत को तेज गति से आगे ले जाने के लिए नवोन्मेषण अनिवार्य है।
उप राष्ट्रपति ने रचनाशीलता को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा प्रणाली के पुनःस्थापन की अपील की। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारे विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में नवोन्मेषण की संस्कृति की बुनियाद रखी जानी चाहिए। उन्होंने महसूस किया कि, “शिक्षा के एक नए प्रतिमान” की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि, “हमें शिक्षार्थियों के रूप में सदियों से विकसित सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों का लाभ उठाना चाहिए और नए प्रचलनों का सृजन करना चाहिए जो हमारे भविष्य के विजन के अनुकूल हों।”
यह महसूस करते हुए कि आधारभूत विज्ञानों में अनुसंधान सभी प्रौद्योगिकीय उन्नतियों का मूल सिद्धांत है, उन्होंने कहा कि एक ऐसे वातावरण का निर्माण करना आवश्यक है जहां निर्वहनीयता पर विशेष जोर के साथ सरकार, विश्वविद्यालय, कॉरपोरेट घराने एवं अन्य समस्त विज्ञान प्रणाली को आगे प्रोत्साहित करने के लिए एक जुट हों।
भारतीय विश्वविद्यालयों को आधारभूत विज्ञानों एवं अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता के केन्द्र के रूप में विकसित करने की अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए श्री नायडू ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालयों को निश्चित रूप से अनुसंधान एवं विकास का पावरहाउस बन जाना चाहिए।
यह महसूस करते हुए कि नवोन्मेषण और उद्यमशीलता को साथ मिलकर चलना चाहिए, उप राष्ट्रपति ने कहा कि उद्यमशीलता के फलने-फूलने के लिए विश्वविद्यालय को एक सुरक्षित स्थान का दायित्व निभाना चाहिए।
उप राष्ट्रपति ने प्रोफेसर एस. के. सतीश और डॉ. महाराज किशन भान (पद्मभूषण) को गुजर मल मोदी नवोन्मेषी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पुरस्कार, 2019 प्रदान किया। इस अवसर पर गुजर मल मोदी साइंस फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री एस. के. सतीश, फाउंडेशन के ट्रस्टी श्री कृष्ण कुमार मोदी, श्री उमेश कुमार मोदी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।