लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि आधुनिक तकनीकों के आधार पर उत्तर प्रदेश में इत्र उद्योग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कन्नौज का पारम्परिक इत्र उद्योग विश्वस्तर पर मशहूर है। जरूरत इस बात की है कि इस उद्योग में तकनीकों का इस्तेमाल कर विश्वबाजार में पारम्परिकता और आधुनिकता के सम्मिश्रण से नई पहचान स्थापित की जाए। इससे रोजगार की सम्भावनाओं का सृजन होगा और निर्यात को बढ़ावा भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने आज फ्रांस के सुगन्ध केन्द्र ग्रासे में इत्र उद्योग के कारखाने और आधुनिक तकनीकों का अवलोकन करने के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि सुगन्ध के क्षेत्र में फ्रांस के अनुभव और महारत का इस्तेमाल कर राज्य के इत्र उद्योग को नए आयाम दिए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इत्र निर्माण की आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर इत्र उद्योग को लाभकारी बनाया जाए। इससे फूलों की खेती को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, इस खेती को करने वाले किसान भी समृद्ध होंगे।
श्री यादव ने कहा कि वैश्वीकरण के इस दौर में इत्र उत्पादों की उत्कृष्टता विश्वस्तरीय होने से राज्य को नई पहचान मिलेगी। उन्होंने ग्रासे में इत्र उद्योग के क्षेत्र में कारोबारी सम्बन्ध स्थापित किए जाने के सन्दर्भ में विचार-विमर्श करते हुए कहा कि ग्रासे और कन्नौज मिलकर इत्र उद्योग को और आगे ले जा सकते हैं। राज्य सरकार चाहती है कि इत्र उद्योग के क्षेत्र में प्रभावी पहल कर फ्रांस और भारत के बीच वाणिज्यिक सम्बन्धों को और मजबूती प्रदान की जाए। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि उत्तर प्रदेश में संसाधन व नई तकनीक उपलब्ध कराकर इत्र उद्योग के क्षेत्र में इस राज्य को एक प्रमुख केन्द्र के रूप में बनाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर ग्रासे में फूलों की खेती का भी अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि फूलों की खेती के माध्यम से इत्र उद्योग को समृद्ध किया जा सकता है। उन्होंने इत्र उद्योग की आधुनिक तकनीकों को देखा। साथ ही, यह भी जाना कि फ्रांस में परफ्यूम तैयार करने की क्या विधियां हैं और उत्तर प्रदेश में इत्र उद्योग की तकनीक किस प्रकार फ्रांस की तकनीक से भिन्न है।
इस अवसर व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्री अभिषेक मिश्रा, कन्नौज की सांसद श्रीमती डिम्पल सहित ग्रासे की परफ्यूम कम्पनियों के प्रतिनिधि मौजूद थे।