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गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए बिडिंग प्रक्रिया प्रारम्भ करने के लिए अनुमति प्रदान कर दी गयी

उत्तर प्रदेश

मंत्रिपरिषद ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पी0पी0पी0) मोड के अन्तर्गत डी0बी0एफ0ओ0टी0 (टोल) के आधार पर मेरठ से प्रयागराज तक 06 लेन ग्रीन फील्ड ‘गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना’ के चार ग्रुपों हेतु विकासकर्ताओं के चयन के लिए अन्तिमीकृत ग्रुपवार आर0एफ0क्यू0-कम-आर0एफ0पी0 अभिलेखों पर अनुमोदन प्रदान कर दिया है। इस प्रकार गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए बिडिंग प्रक्रिया प्रारम्भ करने के लिए अनुमति प्रदान कर दी गयी है।

 प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की तकनीकी एवं अन्य संरचनाओं को भी अनुमोदित किया गया है। इसके अन्तर्गत गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण 06 लेन (08 लेन विस्तारणीय), संरेखण पर संरचनाओं का निर्माण 08 लेन चौड़ाई हेतु, राइट ऑफ वे (आर0ओ0डब्ल्यू0) की चौड़ाई 120 मीटर, डिजाइन स्पीड 120 किमी0/घण्टा, आंकलित लम्बाई 594 किमी0, ग्रुप की संख्या 4 (प्रत्येक ग्रुप में 03 पैकेज), जन सुविधा परिसर 09, मुख्य टोल प्लाजा 02 (मेरठ एवं प्रयागराज), रैम्प टोल प्लाजा 15, गंगा नदी पर लगभग 960 मीटर एवं रामगंगा नदी पर लगभग 720 मीटर लम्बाई के दीर्घ सेतु तथा शाहजहांपुर के समीप हवाई पट्टी प्रस्तावित है।

 गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की आकलित सिविल निर्माण लागत लगभग 22,125 करोड़ रुपये है। परियोजना के लिए वांछित भूमि के लिए कुल 9,255 करोड़ रुपये की धनराशि का आकलन किया गया है। परियोजना की कुल अनुमानित लागत 36,230 करोड़ रुपये है। परियोजना के क्रियान्वयन के लिए परियोजना के चार ग्रुपों  हेतु पृथक-पृथक आर0एफ0क्यू0-कम-आर0एफ0पी0 जारी कर तथा उनके सापेक्ष कन्शेसनायर्स का चयन किया जाएगा। सम्पूर्ण बिड प्रक्रिया में न्यूनतम 60 दिनों का समय लगना सम्भावित है।

 गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना देश की दूसरी सबसे बड़ी एक्सप्रेस-वे परियोजना है। इस परियोजना से आच्छादित 12 जनपदों के लिए प्रदेश की राजधानी तथा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे एवं यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से देश की राजधानी तक त्वरित गति की सुगम यातायात की सुविधा उपलब्ध होगी। 06 लेन प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे से ईंधन की महत्वपूर्ण बचत के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण भी सम्भव हो सकेगा। परियोजना से आच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही, कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।

 प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे आच्छादित क्षेत्रों में विभिन्न उत्पादक इकाइयों, विकास केन्द्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को प्रदेश की राजधानी एवं राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा। यह एक्सप्रेस-वे हैण्डलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, कोल्ड स्टोरेज, भण्डारण गृह, मण्डी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों आदि की स्थापना हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में सहायक होगा। प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के निकट इण्डस्ट्रियल टेªनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना हेतु भी अवसर उपलब्ध होंगे।

प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के निर्माण से परियोजना आच्छादित क्षेत्रों के पर्यटन विकास को बल मिलेगा एवं विकास से वंचित प्रदेश के इन पूर्वी क्षेत्रों में सर्वांगीण एवं बहुमुखी विकास सम्भव हो सकेगा। प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे पर शाहजहांपुर के समीप हवाई पट्टी के निर्माण का प्राविधान है। परियोजना निर्माण एवं क्रियान्वयन तथा उसके समीप शिक्षण संस्थाओं, कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना से प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 20,000 व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन की सम्भावना है।

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