लखनऊः उत्तर प्रदेश के वन, पर्यावरण एवं जन्तु उद्यान मंत्री, श्री दारा सिंह चैहान ने कहा कि किसानों की भूमि पर पौधशालाओं की स्थापना हेतु कृषकों के साथ लीज एग्रीमेण्ट किया जाये। उन्होंने प्रदेश में इको पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने हेतु प्रदूषण रहित वाहनों के प्रयोग, पर्यटकों की निजता व सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ईको पर्यटन के दृष्टिगत चूका पिकनिक स्पाॅट पर शारदा नदी में बोट सफारी विकसित की जाये। श्री चैहान ने कहा कि हम सबके सम्मिलित प्रयासों तथा आत्मनिरीक्षण कर कमियों को दूर करते हुये पूर्ण दक्षता व कुशलता से विभाग को आगे ले जाने एवं पहचान स्थापित करने में सफल हो सकते हैं। श्री चैहान ने भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-4 के अन्तर्गत अधिसूचित भूमि की अन्तिम अधिसूचना निर्गत करवाने एवं समयबद्ध रुप से अमलदरामद करवाने का निर्देश दिया।
वन एवं पर्यावरण मंत्री आज स्थानीय निकाय निदेशालय सभागार में वृक्षारोपण महाकुम्भ-2019 के अनुभव, वर्ष 2020-21 में 25 करोड़ पौधरोपण की रणनीति तैयार करने एवं विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। वन मंत्री ने वृक्षारोपण महाकुम्भ 2019 के अन्तर्गत एक दिन में 22 करोड़ पौध रोपण की ऐतिहासिक उपलब्धि अर्जित करने पर अधिकारियों व कर्मचारियों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि हम अगले वर्ष 25 करोड़ पौधरोपण के लक्ष्य को प्राप्त करने में अवश्य सफल होंगे। वन मंत्री ने कहा कि उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जायेगा, जबकि शासकीय कार्यों में शिथिलता व उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
श्री चैहान ने वृक्षारोपण महाकुम्भ 2019 के अन्तर्गत रोपित पौधों का थर्ड पार्टी अनुश्रवण के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विरासत (हेरिटेज) वृक्षों का चिन्हीकरण करते हुये उनके संरक्षण के हरसंभव प्रयास किये जायें। श्री चैहान ने वन भूमि पर अतिक्रमण तथा अतिक्रमण से मुक्त कराई गई वन भूमि पर वृक्षारोपण कराए जाने की स्थिति एवं काष्ठ आधारित उद्योगों के लाईसेन्स निर्गमन की स्थिति पर भी समीक्षा की।
प्रमुख सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, श्रीमती कल्पना अवस्थी ने रेलवे व रक्षा विभाग, कृषि विश्वविद्यालयों एवं केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों के पास उपलब्ध भूमि पर भी वृक्षारोपण किये जाने हेतु आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि उद्योग, रेशम व अन्य राजकीय विभागों एवं निजी क्षेत्र में स्थापित पौधशालाओं में उपलब्ध पौध को नर्सरी मैनेजमेण्ट सिस्टम (छडै) में दर्शाया जाये। इसके अतिरिक्त उन्होंने शहरी क्षेत्रों में पौधशालाओं की स्थापना हेतु स्थल चयन करने, मियावाकी पैटर्न पर पौधारोपण एवं स्वयं सहायता समूहों को अग्रिम मृदा कार्य हेतु अर्थ आगर जैसे उपकरण उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। श्रीमती अवस्थी ने कहा कि इस वर्ष स्थापित की जा रही 500 पौधशालाओं की स्थापना प्रत्येक जनपद में की जाये एवं मनरेगा से वित्त पोषण हेतु तैयार की जा रही वृक्षारोपण परियोजना में वृक्षारोपण क्षेत्र की सुरक्षा हेतु कैटल प्रूफ ट्रेंच की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाये। उन्होंने ’एक जनपद-एक गंतव्य’ (व्दम क्पेजतपबज व्दम क्मेजपदंजपवद) के अन्तर्गत प्रत्येक जनपद में इको पर्यटन स्थल के रूप में वेटलैण्ड्स, पक्षी विहार व वन्यजीव विहार जैसे पर्यटकों के लिए आकर्षक प्राकृतिक सुषमा से भरपूर स्थल का चयन कर तत्काल अवगत कराने के निर्देश दिए।
हेड आॅफ फाॅरेस्ट फोर्स, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, श्री पवन कुमार ने वृक्षारोपण महाकुम्भ के अन्तर्गत 22 करोड़ पौधरोपण अभियान को सफल बनाने में अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए वर्ष 2020-21 में 25 करोड़ पौध रोपण की रणनीति पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने ळतममद मबवदवउल ठनेपदमेे ळतंउ च्ंदबींलंज की अवधारणा का उल्लेख करते हुए पौधरोपण के पूर्व की रणनीति, नई तकनीक का समावेश, नेतृत्व कुशलता, व्यक्तिगत व सामुदायिक जैव संसाधन का आंकलन एवं प्रकाष्ठ प्रमाणीकरण की दिशा में कार्य करने पर बल दिया। श्री कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में 2 व शहरी क्षेत्रों में एक वृक्षारोपण को माॅडल वृक्षारोपण के रूप में चयनित किया जाय। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में चयनित माॅडल वृक्षारोपण का निरीक्षण प्रत्येक मास की 10 व 20 तारीख को तथा शहरी क्षेत्र में चयनित माॅडल वृक्षारोपण का निरीक्षण प्रत्येक मास की 15 तारीख को करने के निर्देश दिये।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव, उ0प्र0, श्री सुनील पाण्डे ने प्रदेश में बाघों की संख्या 117 से बढ़कर 173 होने का उल्लेख करते हुए प्रदेश में मानव वन्य जीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं एवं इसके निराकरण हेतु संसाधन उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया। श्री पाण्डे ने वन्य प्राणि सप्ताह के अवसर पर (01 से 07 अक्टूबर, 2019 तक) प्रत्येक जनपद में वन्य प्राणि संरक्षण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने हेतु कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया।
मिशन निदेशक, श्री विभाष रंजन ने वृक्षारोपण महाकुम्भ के अन्तर्गत 22 करोड़ पौध रोपण अभियान के अनुभव एवं वर्ष 2020-21 में 25 करोड़ पौध रोपण की रणनीति पर पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से विस्तृत प्रकाश डाला। क्षेत्रीय व मण्डलीय मुख्य वन संरक्षकों द्वारा वर्ष 2019-20 के वृक्षारोपण तथा महा प्रबन्धक, उत्तर प्रदेश वन निगम द्वारा इको पर्यटन के भविष्य में विकास एवं कृषि वानिकी क्षेत्रों के वृक्षों के क्रय पर प्रस्तुतिकरण किया गया।
समीक्षा बैठक में विशेष सचिव वन, श्री आशीष तिवारी सहित वरिष्ठ वनाधिकारी एवं सम्पूर्ण प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक, वन संरक्षक एवं प्रभागीय वनाधिकारी उपस्थित रहे।