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‘उपभोक्ता देवो भवः‘ की नीति को ध्यान में रखकर कार्मिक करें कार्य: श्रीकांत शर्मा

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि बिजली कर्मचारी ‘उपभोक्ता देवो भवः‘ की नीति को ध्यान में रखकर उपभोक्ता की खुशी के लिए व इनको केन्द्र में रखकर कार्य करेें, किसी भी प्रकार से उपभोक्ता का उत्पीड़न न हो। उपभोक्ता के कारण ही यह विभाग चल रहा है। उपभोक्ता खुश रहे, तो हम सभी खुश रहेंगे। उन्होंने कहा कि मैं इस विभाग के मंत्री के नाते नहीं, बल्कि उपभोक्ता के नाते कार्य करता हूँ।
ऊर्जा मंत्री ने यह बात आज यहां गन्ना संस्थान में राणा प्रताप जयन्ती के शुभ अवसर पर उ0प्र0 विद्युत मजदूर संगठन एवं उ0प्र0 विद्युत संविदा मजदूर संगठन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि आगे से ठेकेदारों द्वारा संविदा कार्मिकों का कोई अहित व उत्पीड़न न हो, इसकी चिंता की जायेगी। इसके लिएशक्ति भवन में एक प्रकोष्ठ बनाया जाएगा, जिसकी नियमित माॅनीटरिंग चेयरमैन व मंत्री द्वारा स्वतः की जाएगी। बिजली कार्मिकों की बदौलत ही गांवों में 18 घंटे, तहसील को 20 घंटे और जिला मुख्यालयों को 24 घंटे बिजली मिल रही है। उन्होंने कहा कि संविदा कार्मिकों का सहयोग मिले, तो विभाग की ठेकेदारी व्यवस्था को समाप्त करने का प्रयास किया जा सकता है। संविदा कार्मिकों की समस्याओं का समाधान मिल बैठकर किया जायेगा। संविदा कार्मिकों का उत्पीड़न न हो, इसके निर्देश सभी डिस्काम को दिये गये है और इसका सख्ती से अनुपालन भी कराया जायेगा।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि संविदा कार्मिकों का उत्पीड़न रोकने के लिए मानदेय का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से करने की व्यवस्था की जाएगी। सभी कार्मिक निष्ठा व ईमानदारी से कार्य करें, कहीं से भी कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्मिक की जान न जाए इसके लिए समन्वय बनाकर ही बिजली का शटडाउन लेकर ही कार्य करें। उन्होंने कहा कि सभी संविदा कार्मिकों का परिचय पत्र बनेगा, प्रत्येक कार्यालय में रजिस्टर भी बनाया जाएगा तथा प्रत्येक कार्मिक का फोटो लगी जानकारी कार्यालय में चस्पा की जाएगी। गांवों में  बिजली की समस्या न हो, इसके लिए आपको जिम्मेदारी निभानी है। लोगों को बिजली कनेक्शन देने में किसी भी प्रकार की लपरवाही न हो। उन्होंने कहा कि सभी कार्मिक मेरे आंख व कान है। आपके सहयोग से ही प्रदेश की विद्युत व्यवस्था देश में नं0 एक पर आएगी।
कार्यक्रम में मौजूद निदेशक, कार्मिक एवं प्रबंधन व प्रशासन श्री एस0पी0 पाण्डेय ने कहा कि विभाग पूरी संवेदनशीलता के साथ संविदा कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का प्रयास करेगा। विद्युत दुर्घटना में कार्मिक की मौत पर परिवार को पांच लाख रुपये दिए जा रहें है। दुर्घटना से बचाने के लिए इनको सुरक्षा उपकरण दिए जाने की व्यवस्था की गई है। टीजी-2 से जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्ति के लिए परीक्षा प्रणाली को खत्म करने पर विचार किया जाएगा।
संगठन के अध्यक्ष श्री आर0एस0 राय ने संविदा कर्मचारियों की वेतन वृद्धि, ईपीएफ की व्यवस्था, ठेकेदारी व्यवस्था समाप्त करने, विभागीय संविदा लागू करने तथा नियमित कार्मिकों की मांगों को पूरा करने संबंधी मांग की। उन्होंने कहा कि बीड़ी बनाने वाले मजदूरों के बराबर संविदा कार्मिकों को वेतन मिल रहा है। विगत 10 वर्षों में पांच हजार से ज्यादा कर्मी विद्युत से जान गवां चुके हैं। उन्होंने कहा कि संविदा कर्मचारी विभागीय भ्रष्टाचार के खिलाफ विभाग हित में कभी भी कार्य बहिष्कार नहीं करेंगे। कार्यक्रम में प्रदेश भर से आये हुए संविदा कर्मी और संगठन के पदाधिकारी मौजूद थ।

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