लखनऊ: दिव्यागंजन को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु भरण-पोषण अनुदान योजना की अनुदान राशि को बढ़ाकर प्रतिव्यक्ति 01 हजार रूपये प्रतिमाह दिया जा रहा है। दिव्यांगजन को भौतिक पुनर्वासन के दृष्टिगत कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण योजनान्तर्गत अधिकतम अनुदान की राशि को बढ़ाकर 10 हजार रूपये किया गया है। दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण के साथ-साथ कृत्रिम अंग भी देने की व्यवस्था भी की गयी है। इसी तरह दिव्यांगजन के पुनर्वासन हेतु शल्य चिकित्सा अनुदान योजना अन्तर्गत प्रत्येक लाभार्थी अनुमन्य की अनुदान की धनराशि बढ़ाकर 10 हजार रूपये प्रति लाभार्थी किया गया है। श्रवण बाधित दिव्यांगजनों को दिव्यांगता निवारण हेतु कॉक्लियर इम्प्लाण्ट योजनान्तर्गत अनुदान की धनराशि प्रति लाभार्थी प्रति इम्प्लाण्ट 06 लाख रूपये निर्धारित की गयी है। उक्त बाते प्रदेश के दिव्यांगजन एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने राज्य सलाहकार बोर्ड की तृतीय बैठक को सम्बोधित करते हुये कही। उन्होने कहा कि दिव्यांगजन के शैक्षिक पुनर्वासन हेतु विभिन्न श्रेणियों के विशेष विद्यालय संचालित थे, वर्तमान में समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों को सम्मिलत करते हुए 26 नवीन विद्यालयों के संचालन हेतु कार्ययोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। विभागीय विशेष विद्यालयों हेतु गुणवत्तापरक शिक्षा एवं नवाचार हेतु ई-लर्निंग रिसोर्स सेन्टर स्थापना एवं संचालन ई-लर्निंग वेब-पोर्टल से 05 सितम्बर से लाइव कर दिया गया है।
मंत्री नरेन्द्र कश्यप योजना भवन स्थित सभागार में दिव्यांगता पर गठित राज्य सलाहाकार बोर्ड की तृतीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होने राज्य सलाहाकार बोर्ड की बैठक में आये, सदस्यों का परिचय प्राप्त किया। मंत्री द्वारा बोर्ड के सदस्यों द्वारा दिव्यांगजन को और अधिक से अधिक सुविधायें मिलें इस पर सुझाव लिये गये। मंत्री ने सार्वजनिक भवनों, पार्कों, सुलभ-शौचालयों आदि को दिव्यागंजन हेतु बाधा रहित बनाये जाने हेतु नगर विकास के अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होनें प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों एवं आवास-विकास परिषद के क्षेत्र में आने वाले सभी जनसुविधा केन्द्र, शौचालयों, मॉल आदि जैसे जनोपयोगी सार्वजनिक स्थलों को दिव्यांगजन हितैषी बनवाने हेतु आवास-विकास के अधिकारियों को निर्देशित किया गया। उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को दिव्यांगजनों को बसों से यात्रा करने में किसी प्रकार कि असुविधा न हो, इसके निर्देश दिये गये है।
दिव्यांगजन मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में आने वाले समय को सुगम्य वातावरण प्रदान करने शैक्षिक पुनर्वासन, रोजगार आदि भावी योजनायें विभाग द्वारा तैयार कि जा रही है। जिसके अन्तर्गत दिव्यांगजन के लिये संचालित योजानाओं को आनलाइन किया जाना है। दिव्यांग विद्यार्थियों को उनकी आवश्यकता अनुसार पाठ्य सामग्री एवं आधुनिक तकनीकि से युक्त अध्यापन से संबधित उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाना है। दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों के लिए ब्रेल पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाना है। दिव्यांगजनों के तकनीकि आधारित कौशल विकास को प्रोत्साहन देना है। दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान योजनान्तर्गत प्रतिमाह पेंशन की धनराशि 01 हजार रूपये से बढ़ाकर 1500 रूपये किया जाना है। दिव्यांगजनों को कौशल विकास के पश्चात सुलभ ऋण उपलब्ध कराया जाना है। जिला दिव्यांग पुर्नवास केन्द्रों का समस्त जनपदों में प्रभावी तरीकों से क्रियान्वयन कराया जाना है तथा नयी शिक्षा नीति के अनुसार दिव्यांग बालक व बालिकाओं का जूनियम माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर पर विद्यालयों में सकल नामांकन के अनुपात को बढ़ाया जाना है।
मंत्री ने कहा कि डा0 शकुन्तला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय में बाधा रहित एवं समस्त सुविधाओं से युक्त विशिष्ट स्टेडियम स्थापित किया गया है। इसमें बैंडमिंटन, रेसलिंग, टेबल टेनिस, फुटबाल, वॉलीबाल, एवं रनिंग ट्रैक की व्यवस्था अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार की गयी है। उन्होने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा कुछ अन्य जनपदों में खेल कलस्टर व मिनी विशिष्ट स्टेडियम की योजना बनायी है। उन्होने कहा कि निजी एवं सरकारी क्षेत्रों में सेवायोजन के संदर्भ में समय-समय पर निर्देश एवं मार्गदर्शी सिद्धान्त निर्गत किये गये है। दिव्यांगजनो को सरकारी नौकरी में 04 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिये जाने, पदों के चिन्हाकन, आरक्षण हेतु सीधी भर्ती के पदों को चिन्हित करने आदि के संदर्भ में सरकार के संबधित विभागों द्वारा शासनादेश निर्गत किये गये है।
मंत्री ने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के प्रवाभी क्रियान्वयन के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा स्वायत्त शासी निकाय राज्य निधि का गठन किया गया है। वर्तमान में राज्य निधि में 25 करोड़ रूपये की धनराशि की व्यवस्था की गयी है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वित होने के साथ-साथ ही पूर्व में निर्दिष्ट दिव्यांगता की श्रेणी में वृद्धि करते हुये 21 श्रेणियां कि गयी है। बैठक में विधायक डॉ0 नीरज बोरा, डॉ0 मुकेश चन्द्र वर्मा, अपर मुख्य सचिव दिव्यांगजन सशक्तीकरण हेमन्त राव, राज्य आयुक्त अजीत कुमार, निदेशक दिव्यांगजन सत्यप्रकाश पटेल सहित बोर्ड के सदस्यगण एवं अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।