लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव श्री मुकुल सिंहल ने प्रदेश के समस्त अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव, समस्त विभागाध्यक्ष/कार्यालाध्यक्ष/समस्त मंण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि विकलंगता से ग्रस्त व्यक्तियों को प्रतियोगात्मक परीक्षाओं में स्क्राइब/रीडर/प्रयोगशाला सहायक के पदों पर नियुक्त किया जाये।
इस संबंध में शासन स्तर से जारी शासनादेश से बताया गया है कि भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, दिव्यांग जन शसक्तिकरण विभाग नई के कार्यालयादेश दिनांक 28 फरवरी, 2013 के द्वारा प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं में 40 प्रतिशत या इससे अधिक विकलांगता से ग्रस्त अभ्यर्थियों को उक्त सुविधायें प्रदान करने की व्यवस्था है। अतः अधीनस्थ सेवा चयन आयोग एवं अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित परीक्षाओं में 40 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांग समस्त अभ्यर्थियों को कतिपय शर्तों के अधीन सुविधा प्रदान की जाये।
शासनादेश में बताया गया है कि शैक्षणिक योग्यता, अंक, आयु या अन्य ऐसे प्रतिबन्ध स्क्राइब/रीडर/प्रयोगशाला सहायक के लिए निर्धारित नही होगा। इसके अतिरिक्त अंतरीक्षक व्यवस्था को मजबूत किया जाना चाहिये ताकि परीक्षा के दौरान नकल करने और धोखा देने जैसे कार्य करने वाले स्क्राइब/रीडर/प्रयोगशाला सहायक का उपयोग अभ्यर्थी न कर सकें। उम्मीदवारों को विशेष रूप से भाषाओं के लिए अलग-अलग पत्र लिखने के लिए एक से अधिक स्क्राइब/रीडर लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। विकलांग व्यक्तियों को परीक्षाओं के लिए ब्रेल या कम्प्यूटर में या बड़े प्रिन्ट या फिर उत्तर भी दर्ज करने का माध्यम चुनने का विकल्प दिया जाना चाहिए।
उम्मीदवारों को एक दिन पहले कम्प्यूटर सिस्टम की जांच करने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि समस्याओं जैसे साफ्टवेयर/सिस्टम में रेक्टिफाई हो सके।