नागालैंड के इनर लाइन परमिट नियम को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। इस कानून के तहत नागा पहाड़ी क्षेत्रों में जाने के लिए मूल निवासियों को छोड़ बाहरी लोगों को इनर लाइन परमिट लेना पड़ता है। चीफ जस्टिस रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दाखिल इस याचिका को खारिज कर दिया।
याचिकाकर्ता ने कहा कि नागालैंड में सिर्फ आठ फीसदी हिंदू हैं और उनके लिए इनर लाइन परमिट (आईएलपी) का प्रावधान किया है इसी के तहत राज्य में एंट्री मिलेगी और ये सीधे तौर पर संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है। यहां जाने के लिए पत्रकारों को भी आईएलपी लेना होता है। इस पर पीठ ने हिमाचल प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी इनर लाइन परमिट है और वहां 98 फीसदी हिन्दू हैं। Source अमर उजाला