20.2 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

पेट्रोलियम मंत्री श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने कनाडा के अग्रणी वित्‍तीय संस्‍थानों को भारत की बुनियादी ढांचागत ऊर्जा सुविधाओं में निवेश का न्‍यौता दिया

देश-विदेश

नई दिल्ली: पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान दूसरे भारत-कनाडा ऊर्जा संवाद में शिरकत करने के लिए 04 से 06 जुलाई, 2015 तक कनाडा के दौरे पर थे। इस ऊर्जा संवाद का आयोजन 05 जुलाई, 2015 को कैलगरी में हुआ था। कनाडा पक्ष की अगुवाई कनाडा के संघीय प्राकृतिक संसाधन मंत्री माननीय श्री ग्रेग रिकफोर्ड ने की थी। अपनी यात्रा के दौरान श्री प्रधान ने उप प्रधानमंत्री एवं प्राकृतिक गैस विकास मंत्री माननीय रिच कोलमैन एवं ब्रिटिश कोलंबिया सरकार के वित्‍त मंत्री माननीय माइकल डी. जॉन्‍ग से भी वैनकाउवर में मुलाकात की। उन्‍होंने कैलगरी एवं वैनकाउवर में अलग-अलग आयोजित बिजनेस लीडरशिप फोरम की बैठकों को भी संबोधित किया जिसमें कनाडा के तेल व गैस, बिजली एवं कोयला क्षेत्रों के जाने-माने सीईओ/उद्योगपतियों ने हिस्‍सा लिया था। उन्‍होंने ऊर्जा क्षेत्र एवं ऊर्जा परियोजना वित्‍त पोषण के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्‍न कंपनियों के चुनिंदा सीईओ के साथ अलग-अलग बैठकें भी की थीं। उन्‍होंने कैलगरी स्‍थित सदर्न अलबर्टा इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी, कैलगरी विश्‍वविद्यालय एवं ब्रिटिश कोलंबिया विश्‍वविद्यालय का दौरा किया और इस दौरान वहां के प्राध्‍यापकों एवं विद्यार्थियों से बातचीत की।

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने अप्रैल 2015 में कनाडा का दौरा किया था और उसके बाद ही श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने यहां की यात्रा की। मालूम हो कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के कनाडा दौरे से दोनों देशों के बीच ऊर्जा संबंधों के विस्‍तारीकरण को नई गति मिली थी। ऊर्जा एवं उससे संबंधित तकनीकों एवं सेवाओं में निवेश भी द्विपक्षीय ऊर्जा संबंधों में शामिल हैं।

विभिन्‍न बैठकों के दौरान श्री प्रधान ने बड़ी ऊर्जा परियोजनाओं जैसे एलएनजी और रिफाइनरी एवं पेट्रोरसायन संयंत्रों की संयुक्‍त रूप से अंडरराइटिंग करने की पेशकश की। इसके साथ ही श्री प्रधान ने भारत में विश्‍वस्‍तरीय किफायती एवं उच्‍च गुणवत्‍ता वाली ईपीसी कंपनियों और अत्‍यंत प्रतिभाशाली श्रमबल की उपलब्‍धता पर प्रकाश डाला, जो कनाडा के हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में बहुमूल्‍य योगदान दे सकते हैं। उन्‍होंने कनाडा के प्रमुख वित्‍तीय संस्‍थानों को भारत में बुनियादी ढांचागत ऊर्जा सुविधाओं में निवेश करने का न्‍यौता दिया। उन्‍होंने ऊर्जा नीति एवं नियमन में एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने का भी न्‍यौता इन वित्‍तीय संस्‍थानों को दिया। उन्‍होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच प्राकृतिक भागीदारी की असीमित संभावनाएं हैं।

इस दौरान विभिन्‍न क्षेत्रों जैसे ऊर्जा दक्षता एवं नवाचार, तेल व गैस क्षेत्र के विकास, सर्वोत्‍तम नियामकीय तौर-तरीकों तथा नवीकरणीय ऊर्जा में आपसी सहयोग को और ज्‍यादा बढ़ाने के लिए भी विचार-विमर्श हुआ। दोनों पक्षों ने यह माना कि कनाडा भारत के लिए एक ऊर्जा निर्यातक बन सकता है और भारत कनाडा से आपूर्ति के अपने स्रोतों में विविधता ला सकता है। श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने ऊर्जा क्षेत्र में भारत और कनाडा के बीच स्‍वाभाविक तालमेल पर प्रकाश डाला और भारतीय कंपनियों द्वारा कनाडा में क्रियान्वित की जा रही विभिन्‍न परियोजनाओं का जिक्र किया। उल्‍लेखनीय है कि आईओसी एक अरब डॉलर के निवेश (जो बढ़कर 4 अरब डॉलर तक हो जायेगा) के साथ ब्रिटिश कोलंबिया (कनाडा) स्थित एक एकीकृत एलएनजी परियोजना में हिस्‍सा ले रही है। आईओसी और ओएनजीसी विदेश कनाडा के कैलगरी में पहले ही अपने-अपने कार्यालय खोल चुकी हैं।

श्री प्रधान ने अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा हाल में कराये गये कुछ अध्‍ययनों का जिक्र किया जिनमें यह बताया गया है कि वर्ष 2014 से वर्ष 2025 तक की अवधि के दौरान भारत के सर्वाधिक तेजी से प्रगति करने वाली अर्थव्‍यवस्‍था के रूप में उभरने की आशा है। उधर, अंतर्राष्‍ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के विश्‍व ऊर्जा आउटलुक 2014 के मुताबिक वर्ष 2013 से लेकर 2040 के बीच भारत में तेल की मांग की वृद्धि दर 3.5 फीसदी के सीएजीआर के साथ पूरी दुनिया में सर्वाधिक रहेगी। इस भारी-भरकम मांग के सर्वाधिक हिस्‍से की पूर्ति आयातित पेट्रोलियम से की जा रही है। उन्‍होंने परिशोधित पेट्रोलियम उत्‍पादों के उत्‍पादन में विशुद्ध रूप से अधिशेष मात्रा वाले देश के रूप में भारत की मौजूदा स्थिति और एक प्रमुख परिशोधन केंद्र के रूप में उभरने की इस देश की इच्‍छा के बारे में सूचित किया। उन्‍होंने एक राष्‍ट्रीय गैस ग्रिड विकसित करने के लिए भारत में गैस पाइप लाइनों के निर्माण पाइप वाली गैस से स्‍मार्ट सिटी को जोड़ने तथा ऊर्जा के अन्‍य स्‍वरूपों के लिए एक विकल्‍प के रूप में गैस का ज्‍यादा इस्‍तेमाल करने और भारत के पूर्वी एवं पश्चिमी तटों पर एलएनजी पुनर्गैसीकरण टर्मिनलों का विकास करने से संबंधित सरकार की भावी योजनाओं के बारे में विस्‍तार से बताया।

ब्रिटिश कोलंबिया के वित्‍त मंत्री के साथ श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान वैनकाउवर में आईओसी और ब्रिटिश कोलंबिया सरकार के बीच हुए अनुपालन संबंधी समझौते पर हस्‍ताक्षर के भी साक्षी बने। इस समझौते से कनाडा में एलएनजी परियोजना में आईओसी का परिचालन सुविधाजनक ढंग से हो सकेगा।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More