नई दिल्ली: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने केन्द्रीय वित्त एवं कार्पोरेट मामले मंत्री श्री अरूण जेटली द्वारा आज संसद में पेश किए बजट 2017-18 के प्रस्तावों का स्वागत किया है। बजट 2017-18 का लक्ष्य शासन की गुणवत्ता एवं जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना, समाज के विभिन्न वर्गों को बिजली प्रदान करना और देश को भ्रष्टाचार और काले धन की बुराई से मुक्ति दिलाना है।
तेल और प्राकृतिक गैस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने 2017-18 के बजट में कई उपायों की घोषणा की है। प्रमुख उपायों में निम्नांकित शामिल हैं:
1 एलएनजी पर बुनियादी सीमा शुल्क मौजूदा 5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया है।
- दो नए स्ट्रैटेजिक तेल भंडारों की स्थापना की जायेगी, जिनमें से एक ओडिसा में चांदीखोले और दूसरा राजस्थान में बीकानेर में बनाया जायेगा। इनका उद्देश्य देश की ऊर्जा सुरक्षा में बढ़ोतरी करना और सामरिक रिजर्व क्षमता 15.33 एमएमटी तक बढ़ाना है। इससे हमारी भंडारण क्षमता 90 दिन की खपत पूरा करने में सक्षम होगी, जो अंतर्राष्ट्रीय बेंचमार्क के अनुरूप है। समाप्त
- स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व के मामले में अनुबंध या समझौता समाप्त होने पर, कुछ शर्तें पूरी करने के अधीन बचे हुए खनिज तेल की बिेक्री के मामले में विदेशी कंपनियों पर भारत में कर नहीं लगेगा।
- समूची मूल्य शृंखला में तेल क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को एकीकृत करने और ऑयल पीएसयू को उच्च जोखिम वहन करने, आकार जन्य किफायत का लाभ उठाने एवं उच्चतर निवेश निर्णय करने और हितभागियों को अधिक लाभ प्रदान करने में सक्षम बनाने के लिए ‘ऑयल मेज़र’ के रूप में एकीकृत सार्वजनिक क्षेत्र प्रतिष्ठान बनाने का प्रस्ताव है।
- सभी ईंधन स्टेशनों में भीम ऐप सहित डिजिटल भुगतान की सुविधाएं कायम करते हुए डिजिटल भुगतान ढांचे का निर्माण करना ताकि डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया जा सके।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में एलपीजी और केरोसिन के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण स्कीम की भी सराहना की, सभी राज्यों में चलायी जा रही है।