देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पी.एच.डी.चेम्बर आॅफ कामर्स एंड इंडस्ट्री, उत्तराखण्ड के सदस्यों से प्रदेश में लघु जल विद्युत योजनाओं, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों में निवेश के साथ ही युवाओं की तकनीकि क्षमता एवं दक्षता विकास में सहयोग की अपेक्षा की है।
बीजापुर अतिथि गृह में पी.एच.डी.चेम्बर आॅफ कामर्स एंड इंडस्ट्री, उत्तराखण्ड के सदस्यों से वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में इको टूरिज्म के क्षेत्र में राज्य में काफी संभावनाएं है। पर्यटन के साथ ही इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार पर्यटन केा उद्योग का दर्जा देने जा रही है। प्रदेश की फिल्म नीति तैयार की जा रही है। पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिये कई अन्य योजनायें भी बनायी गयी है। ’’मेरा गांव मेरा धन योजना’’ का उद्देश्य ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना व लोगों को गांवो की ओर ले जाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के विकास में हजारों करोड़ खर्च किये जा रहे है। इसका तभी सद्उपयोग होगा जब गांवो में लोग रहे वहा आवाजाही बढ़े। उन्होंने कहा कि ’’मेरा गांव मेरा धन’’ योजना में निवेश का 15 प्रतिशत तक ब्याज देने के अलावा 6 प्रतिशत भवन मरम्मत आदि के लिए भी अतिरिक्त दिये जायेगे। सरकार 30 साल तक योजना में निर्मित भवन को किराये पर लेगी और यदि 30 साल भी व्यक्ति चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकता है और यदि भवन को सरकार को देना चाहे तो सरकार उस भवन को खरीद सकेगी। उन्होंने 2 से 5 मेगावाट की छोटी जल विद्युत परियोजनाओं में भी सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि इसके लिये नीति तैयार कर दी गई है। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों को खेती से जोड़ने के भी प्रयास किये जा रहे है। हार्बिकल्चर के साथ ही कलस्टर बेस कृषि को बढ़ावा देने की कार्ययोजना बनायी गई है।
पी.एच.डी. चैम्बर आॅफ कामर्स एंड इंडस्ट्री, उत्तराखण्ड के सदस्यों ने कहा कि ’’मेरा गांव मेरा धन’’ योजना वास्तव में व्यवहारिक एवं निवेश के लिये उपयुक्त है। उन्होंने भी इसमें सहयोग की इच्छा जताई। इंडस्ट्री के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री श्री रावत से आगामी 27 अगस्त को काशीपुर में आयोजित पर्यावरण संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होने का अनुरोध किया। उन्होंने इको टूरिज्म की गठित काउंसिल की बैठक शीघ्र बुलाने, फूडपार्क की भी पोलिसी तैयार करने, प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर राॅ-मेटेरियल के संेटर स्थापित करने पर बल दिया। स्किल डेवलपमेंट मिशन के तहत स्थानीय युवाओं को टैक्सटाइल इंडस्ट्री व फूड पार्क में रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिये देहरादून, श्रीनगर व रामनगर में एपरिल ट्रेनिंग एण्ड डिजाइन सेंटर (ATDE)स्थापित करने के साथ ही उत्तराखण्ड स्किल डेवलपमेंट काउंसिल स्थापित करने की भी इंडस्ट्री के सदस्यों ने अपेक्षा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार रणजीत रावत, पी.एच.डी. चैम्बर आॅफ कामर्स एंड इंडस्ट्री, उत्तराखण्ड के अध्यक्ष एस.पी.कोचर, सह अध्यक्ष राजीव घई, वीरेन्द्र कालरा, सुनील गुलाटी, रीजनल डायरेक्टर अमित तनेजा आदि उपस्थित थे।