दुनिया में ऐसे कम ही लोग होते हैं जिन्हें सांप और मकड़ियों से डर न लगता हो। कुछ लोगों के अंदर इन जानवरों का भय इस कदर होता है कि उन्हें सपने में भी ये दिख जाते हैं और डर के कारण नींद खुल जाती है। लेकिन आखिर ज्यादातर लोगों को क्यों डराते हैं सांप और स्पाइडर?
एक ताजा शोध के अनुसार इंसानों के अंदर सांप और मकड़ी का भय जन्मजात होता है। यानि लोगों को पता नहीं होता लेकिन बचपन से वो इन दो जानवरों को देखकर डरने लग जाते हैं।
जर्मनी के मैक्स-प्लांक इंस्टिट्यूट द्वारा की गई इस रिसर्च में सामने आया है कि जब छोटे बच्चों को सांप और स्पाइडर की तस्वीरें दिखाई जाती हैं तो वो डर जाते हैं। इसका कारण ये हो सकता है कि इंसानी दिमाग में यह भय पहले से ही मौजूद होता है क्योंकि करीब 40 से 60 मीलियन सालों तक मनुष्य इन खतरनाक जानवरों के साथ ही जिया है।
बता दें कि मकड़ियों से डर कुछ लोगों के भीतर इतना ज्यादा होता है कि वो उनकी रोजमर्रा की जिंदगी को भी प्रभावित करने लगता है। कुछ लोग तो किसी कमरे में तब तक नहीं घूसते जब तक उन्हें ये यकीन नहीं हो जाए कि कमरे में एक भी स्पाइडर नहीं है।
जहां कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि इस तरह का डर लोगों के बचपन में उनके आप-पड़ोस के माध्यम से बैठ जाता है। वहीं कुछ रिसर्चरों ने कहा कि ये पहले से ही इंसान के अंदर होता है। इसी के चलते अध्ययन के दौरान जब शोधकर्ताओं ने 6 महीने छोटे बच्चों को सांपों और मकड़ियो की फोटो दिखाई तो उनके भीतर डर देखा गया। जबकि इस उम्र के बच्चों की समझ इतनी विकसित नहीं होती है कि वो खतरनाक और अच्छी चीजों में फर्क कर सकें।
Live हिन्दुस्तान