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पिण्डर घाटी सांस्कृतिक एवं पर्यटन मेले के समापन के अवसर पर विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए: मुख्यमंत्री

उत्तराखंड

चमोली: पिण्डर क्षेत्र की पारम्परिक झलक प्रस्तुत करने वाले तीन दिवसीय पिण्डर घाटी सांस्कृतिक एवं पर्यटन मेले का आज समापन हो गया। मेले के समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि ऐसे मेलों के माध्यम से हम अपनी पौराणिक विरासत को संरक्षित कर राज्य की आर्थिकी को और अधिक रफ्तार दे सकते है।
विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने 11 वर्षो से आयोजित हो रहे पिण्डर घाटी सांस्कृतिक व पर्यटन मेला समिति को बधाई देते हुए मेला समिति को मेले को भव्य स्वरूप देने के लिए 2 लाख रूपये की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ऐसे मेलो के आयोजन से क्षेत्र की होनहार प्रतिभाओं तथा आर्थिक विकास को उचित मंत्र मिलता है। कहा कि राज्य में अनेक धार्मिक एवं पर्यटन स्थल है तथा राज्य सरकार पर्यटकों को अधिक से अधिक सुविधाऐं मुहैया करा रही है। इस वर्ष 15 लाख से अधिक पर्यटक/श्रृद्धालु श्री बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए आये है। वर्ष 2017 में हमारा लक्ष्य 30 से 40 लाख पर्यटकों को लाने का है। खेती पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अपने खेतों में भी कार्य करने पर महिलाओं को मनरेगा श्रमिक का दर्जा देकर पारिश्रमिक दिया जायेगा। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड पहला राज्य है जिसमें किसानों को पेंशन दी जा रही है। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय व परम्परागत खेती को प्रोत्साहन देने के लिए फसलों पर बोनस दिया जा रहा है। उन्होनें कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देेने के साथ ही फल पौधशालाओं की स्थापना की जा रही है। बेमौसमी सब्जी को बढ़ावा देते हुए पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादित स्थानीय एवं परम्परागत फसलो का समर्थन मूल्य भी दिया जा रहा है।
महिला स्वयं सहायता समूहो को सुदृण करने के लिए सभी समूहो को 05 हजार रूपया दिया जा रहा है। उन्होने कहा जो स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे है, उन्हे 20 हजार रूपये का अनुदान व सामूहिक खेती करने वाले समूहो को 01 लाख का अनुदान दिया जा रहा है। उन्होने कहा जो महिला अपने खेतो मे भी काम करेगी उसे मनरेगा से मानदेय दिया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड समावेशी विकास के रास्ते पर कदम आगे बढ़ा रहा है। उत्तराखण्ड सर्वाधिक प्रकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने वाला पहला राज्य है। उन्होनंे कहा कि 2014 में पेंशन लाभार्थियों की संख्या मात्र 01 लाख 74 हजार थी, जो अब बढ़कर 07 लाख 25 हजार हो गयी है। पेंशन की धनराशि को 400 रूपये से बढ़ाकर 1000 कर दी गयी है। विधवा, वृद्धावस्था एवं विकलांग पेंशन के अलावा अब अक्षम व परितक्वता नारी, विक्षिप्त व्यक्ति की पत्नी, बौना पंेशन, जन्म से विकलांग बच्चों को पोषण भत्ता दिया जा रहा है। साथ ही किसान, पुरोहित, कलाकार, शिल्पकार, पत्रकार, निर्माणकर्मी के साथ ही जंगरिया, डंगरिया को भी पेंशन प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही सरकार प्रत्येक नागरिक को सुरक्ष कवच उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। खिलती कलियां योजना, बच्चों के कुपोषण उन्मूलन योजना भी सरकार द्वारा संचालित की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारा लक्ष्य 2020 तक प्रत्येक परिवार के कम से कम एक सक्षम व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराना तथा 2022 तक हर व्यक्ति को काम मुहैया कराना है। विभिन्न विभागों में 30 हजार पदों को भरा जा रहा है जिसमें से 16 हजार पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है। जनपद को खुले में शौच से मुक्त होने पर उन्होंने जिला प्रशासन एवं जनपद वासियों को बधाई देते हुए बताया कि अगामी 26 जनवरी तक उत्तराखण्ड राज्य पूर्ण रूप से खुले में शौच से मुक्त राज्य बन जायेगा।
जनपद के सोनला कण्डारा मोटर मार्ग पर मैक्स वाहन दुर्घटना में मृतक परिवारों के प्रति दुःख एवं संवेदना व्यक्त करते हुए मृतक के परिजनों को 50-50 हजार की धनराशि तत्कालिक सहायता के तौर पर देने के निर्देश जिलाधिकारी को दिये।
इस अवसर पर ब्लाक प्रमुख राकेश जोशी, जिप सदस्य भावना रावत, मेला समिति के अध्यक्ष सुरपाल सिंह, उपाध्यक्ष नन्दू बहुगुणा, कोषाध्यक्ष कुंवर सिंह रावत, सचिव खीमानन्द खण्डूडी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह रावत, जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन, पुलिस अधीक्षक प्रीती प्रियदर्शनी, सीडीओ विनोद गिरी गोस्वामी, एसडीएम सीएस डोभाल सहित भारी संख्या में मेलार्थी मौजूद थे।

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