केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने भारत के श्रेणी-1 और श्रेणी-2 नगरों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की अपील की है। वह आज राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद की तीसरी बैठक में वर्चुअल रूप से मुख्य भाषण दे रहे थे।
उल्लेखनीय है कि भारत में 45 प्रतिशत स्टार्टअप्स श्रेणी-2 और श्रेणी-3 नगरों से हैं और 623 जिलों में कम से कम एक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप है। 2018-21 से, स्टार्टअप्स द्वारा लगभग 5.9 लाख रोजगारों का सृजन किया गया है। केवल 2021 में ही, लगभग 1.9 लाख रोजगारों का सृजन किया जा चुका है।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने सतत आर्थिक विकास को प्रेरित करने तथा बड़े स्तर पर रोजगार अवसरों का सृजन करने के लिए देश में नवोन्मेषण तथा स्र्टाअप्स विकसित करने हेतु एक मजबूत परितंत्र का निर्माण करने के लिए आवश्यक उपायों पर सरकार को सलाह देने के लिए एक राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद का गठन किया था।
पदेन सदस्यों के अतिरिक्त, परिषद में सफल स्टार्टअप्स के संस्थापक, भारत में कंपनियों को विकसित करने तथा आगे बढ़ाने से जुड़ी विख्यात हस्तियों, निवेशकों के हितों का प्रतिनधित्व करने वाले व्यक्ति, स्टार्टअप्स के इनक्यूबेटर्स तथा एक्सीलेटर्स, स्टार्टअप्स के हितधारकों के संगठनों के प्रतिनिधि एवं उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि जैसे विभिन्न हितधारकों का प्रतिनिधित्व करने वाले कई गैर-आधिकारिक सदस्य हैं।
श्री गोयल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की 25वीं वर्षगांठ, 25 दिसंबर को भारत में सुशासन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह एक मजबूत स्टार्टअप परितंत्र अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप देने तथा जीवन जीने की सरलता एवं व्यवसाय करने की सुगमता में सुधार लाने में सहायता करेगा एवं इसके बदले में सुशासन के आदर्शों को बढ़ावा देने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि ‘ स्टार्टअप इंडिया‘ आंदोलन ‘कर सकते हैं‘ से ‘ करेंगे‘ के रूप में ‘मानसिकता में एक बदलाव‘ ले कर आया है और इसने उद्यमशीलता की पुरानी पारंपरिक धारणाओं से आगे बढ़ने में हमारी सहायता की है।
श्री गोयल ने कहा कि हमारे स्टार्टअप्स ने कोविड-19 संकट को एक अवसर में रूपांतरित कर दिया तथा 2021 को यूनिकॉर्न का वर्ष बना दिया और आज 79 यूनिकॉर्न फल-फूल रहे हैं। यह रेखांकित करते हुए कि भारत अब विश्व में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप परितंत्र का घर बन गया है, श्री गोयल ने कहा कि वह विचारों की ताकत में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि सरल समाधान असाधारण प्रभाव डाल सकते हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को उद्धृत करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता चार शब्दों, ‘‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन‘‘ में अभिव्यक्त की जा सकती है तथा उन्होंने नागरिकों के जीवन में न्यूनतम सरकारी हस्तक्षेपों की अपील की। उन्होंने कहा कि हमारा विजन एक ऐसे नवीन भारत का निर्माण करना है जो आर्थिक प्रगति तथा 135 करोड़ भारतीयों, विशेष रूप से जो पीछे छूट गए हैं, उनका कल्याण करना है।
श्री गोयल ने आश्वस्त किया कि एक सक्षमकर्ता के रूप में सरकार, पैटेंट दायर करने में 80 प्रतिशत की छूट तथा ट्रेडमार्क फाइल करने में 50 प्रतिशत की छूट, सार्वजनिक खरीद नियमों में ढील, श्रम एवं पर्यावरण कानूनों के तहत स्व-प्रमाणीकरण, 10,000 करोड़ रुपये के स्टार्टअप्स के लिए फंडों के फंड, 10 वर्षों में से तीन वर्ष के लिए आय कर छूट, 945 करोड़ रुपये की सीड फंड स्कीम तथा डिजिटल वाणिज्य के लिए ओपेन नेटवर्क (ओएनडीसी), जो नए अवसरों का निर्माण करेगा तथा खास क्षेत्रों में कुछ एकाधिकारवादी प्रवृत्तियों को समाप्त करेगा, जैसे असाधारण लाभ उपलब्ध कराने के जरिये एक मजबूत स्टार्टअप परितंत्र विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री गोयल ने कहा कि व्यापक रोजगार सृजन के अतिरिक्त, हमारे स्टार्टअप्स में वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत के एकीकरण को उत्प्रेरित करने और वैश्विक बाजारों में हमारी उपस्थिति बढ़ाने की क्षमता है। उन्होंने सफल उद्यमियों, विशेष रूप से यूनिकॉर्न से छात्रों और युवाओं के साथ अपने अनुभवों को साझा करने की अपील की जिससे कि विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र में उनमें स्टार्टअप की संस्कृति और जमीनी स्तर पर उद्यमशीलता की भावना भरी जा सके। उन्होंने शिक्षाविदों, सरकार तथा उद्योग से जमीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए साथ मिल कर काम करने की अपील की।
युवाओं से उद्यमशीलता में जोखिम लेने का आग्रह करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि जब तक आप प्रयास नहीं करते, आप कभी नहीं जान सकते कि गलती करना एक सामान्य सी बात है और विफलताओं को उद्यमशीलता की यात्रा के अंत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें विफलताओं का भी जश्न मनाना सीखना चाहिए।
श्री गोयल ने स्टार्टअप्स से एग्री-स्टे, होटलों तथा होमस्टे के लिहाज से ग्रामीण पर्यटन जैसे अनछुए क्षेत्रों की संभावना की खोज करने की अपील की जिससे किसानों के लिए अतिरिक्त आय का सृजन करने में सहायता मिलेगी। श्री गोयल ने विचार व्यक्त किया कि देश के युवाओं को गांवों का दौरा करने, ग्रामीण जीवन का अनुभव करने और ग्रामीण समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने सफल स्टार्टअप्स से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करने तथा ड्रिप सिंचाई, प्राकृतिक खेती, आदि जैसे समाधानों पर भी काम करने की अपील की जिससे कि किसानों के जीवन में सुधार लाया जा सके।
सीड पूंजी को बढ़ाने की आवश्यकता की चर्चा करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि हमें निश्चित रूप से हमारे स्टार्टअप्स में घरेलू पूंजी के प्रवाह को प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ‘स्टार्टअप इंडिया‘ को आत्म निर्भरता तथा आत्म विश्वास के प्रतीक के रूप में बनाने की आवश्यकता है। श्री गोयल ने ऐसे महत्वाकांक्षी लक्ष्य को अर्जित करने के लिए सभी हितधारकों से एक सहभागी दृष्टिकोण अपनाने की अपील की।
देश के स्टार्टअप परितंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए राष्ट्रीय स्टार्टअप्स सलाहकार परिषद की तीसरी बैठक के हिस्से के रूप में मंत्री को छह राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। जिन प्रमुख युक्तियों पर चर्चा की गई, उनमें इनक्यूबेटरों के लिए राष्ट्रीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम, विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन उपलब्ध कराना, स्टार्टअप्स में निवेश करने के लिए परिवार कार्यालयों के बड़े पूल तथा हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल (एचएनआई) को सशक्त बनाना, डीप-टेक स्टार्टअप्स में तेजी लाना जो प्रवर्तकों को अधिकारसंपन्न बनाने में उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेंगे, भारतीय स्टार्टअप्स के ग्लोबल होने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म तथा गेटवे की स्थापना, स्टार्टअप्स में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना तथा एक समग्र कार्यक्रम, जिसका उद्देश्य एक वैश्विक संरक्षण, बाजार पहुंच, अंतरराष्ट्रीय अवसरों तथा बी2बी कनेक्ट में सक्षम बनाना है, शामिल है।
वीडियो कांफ्रेस में कई स्टार्टअप लीडर, निवेशकों, बैंकों, विभिन्न मंत्रालयों/विभागों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और स्टार्टअप परितंत्र के प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।